सूरदास के पदों की व्याख्या ( बी ए हिंदी – प्रथम सेमेस्टर )

यहाँ हरियाणा के विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा बी ए प्रथम सेमेस्टर ( हिंदी ) की पाठ्य पुस्तक ‘मध्यकालीन काव्य कुंज’ में संकलित सूरदास के पदों की सप्रसंग व्याख्या दी गई है | अविगत-गति कछु कहत न आवै | ज्यों गूंगे मीठे फल कौ रस अन्तरगत ही भावै | परम स्वाद सबही सु निरन्तर अमित तोष उपजावै … Read more

हरियाणवी नाट्य साहित्य ( Haryanvi Natya Sahitya )

हरियाणवी नाट्य साहित्य हरियाणवी उपन्यास और कहानी साहित्य की भांति बहुत अधिक विस्तृत नहीं है | हरियाणवी भाषा में दृश्य नाटक तथा श्रव्य नाटक दोनों प्रकार के नाटक लिखे गए हैं परंतु हरियाणवी नाटकों की संख्या अधिक नहीं है | हरियाणवी भाषा में रचित केवल कुछ नाटक ही ऐसे हैं जो कतिपय विद्वानों द्वारा बताए … Read more

हरियाणवी कहानी साहित्य ( Haryanvi Kahani Sahitya )

कहानी गद्य साहित्य की एक ऐसी विधा है जिसमें किसी व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का चित्रण न कर उसके जीवन के किसी अंग विशेष का चित्रण किया जाता है | कहानी कहना मनुष्य का स्वभाव है | सुख-दुख, आशा-निराशा, मिलन-विरह आदि का नाम ही जीवन है | मनुष्य के जीवन की यही खट्टी-मीठी बातें आकर्षक … Read more

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी का मूल भाव

साहित्य की विभिन्न विधाओं में सामाजिक असमानता के विरुद्ध आवाज उठाई गई है परंतु यह तत्काल संभव नहीं हुआ | प्रारंभ में केवल उच्च घरानों से संबंधित विषय-वस्तु को ही साहित्य में स्थान दिया गया | तत्पश्चात निम्न वर्गीय कुछ पात्रों का समावेश हुआ परंतु वे पात्र कभी प्रमुख पात्र नहीं बन पाए | महाभारत … Read more

संत काव्य-परंपरा एवं प्रवृत्तियां /विशेषताएं

हिंदी साहित्य का इतिहास मुख्य तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है : आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल | संत काव्य-परंपरा हिंदी साहित्य के भक्तिकाल की निर्गुण काव्यधारा से सम्बद्ध है | हिंदी साहित्येतिहास के काल विभाजन और नामकरण को निम्नलिखित आरेख के माध्यम से समझा जा सकता है : – निर्गुण काव्य धारा … Read more

ईदगाह : मुंशी प्रेमचंद ( Idgah : Munshi Premchand )

रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है | कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है | वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है |आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, मानो संसार को ईद की बधाई दे रहा है … Read more

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी की तात्विक समीक्षा ( Pachchis Chauka Dedh Sau Kahani Ki Tatvik Samiksha )

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा रचित एक अति चर्चित कहानी है | प्रस्तुत कहानी में लेखक ने जाति-पाति और शोषण को मुख्य रूप से आधार बनाकर निर्धन लोगों के जीवन की त्रासदी को व्यक्त किया है | प्रस्तुत कहानी में दिखाया गया है कि किस प्रकार से सूदखोर पूंजीपति असहाय और अशिक्षित … Read more

वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( हिंदी ), बी ए – छठा सेमेस्टर ( Vastunishth Prashn, Hindi, BA – 6th Semester )

◼️ ‘आशा का अंत’ निबंध के लेखक का नाम बताइए | उत्तर – बालमुकुंद गुप्त | 🔹 बालमुकुंद गुप्त का जन्म कब और कहां हुआ? उत्तर – बालमुकुंद गुप्त का जन्म 14 नवंबर, 1865 को हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियानी गांव में हुआ | 🔹 बालमुकुंद गुप्त की मृत्यु कब हुई? उत्तर – सन … Read more

हरियाणवी कविता : परिचय एवं प्रवृतियां

हरियाणवी कविता की परंपरा ( Haryanvi Kavita Ki Parampara ) अत्यंत प्राचीन है | कुछ विद्वान हरियाणवी कविता का इतिहास भी हिंदी कविता के समानांतर मानते हैं | श्री राजाराम शास्त्री ने हरियाणवी कविता का आरंभ सातवीं-आठवीं सदी से माना है | अनेक आलोचक उनके मत को अस्वीकार करते हैं और इसे अतिशयोक्तिपूर्ण मानते हैं … Read more

‘फैसला’ कहानी का मूल भाव / उद्देश्य / सन्देश या प्रतिपाद्य

मैत्रेयी पुष्पा द्वारा रचित कहानी ‘फैसला’ पुरुष प्रधान समाज में नारी उत्पीड़न की समस्या पर लिखी गई कहानी है | प्रस्तुत कहानी में दर्शाया गया है कि नारी-उत्पीड़न की दास्तां इतनी प्राचीन हो गई है कि पुरुष प्रधान समाज ने उसे अपना अधिकार तथा नारी ने उसे अपनी नियति मान लिया है | ‘फैसला’ कहानी … Read more

‘फैसला’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘फैसला’ कहानी मैत्रेयी पुष्पा की एक बहुचर्चित कहानी है । प्रस्तुत कहानी में लेखिका ने स्त्री की चिर-बंदिनी छवि पर प्रकाश डालते हुए उसे तोड़ने का प्रयास किया है । ‘फैसला’ कहानी की तात्विक समीक्षा इस प्रकार की जा सकती है — (1) कथानक या कथावस्तुकथानक कहानी का मूल तत्त्व होता है । कथानक वास्तव … Read more

स्वरों का वर्गीकरण

देवनागरी लिपि की मानक वर्णमाला में 12 स्वर हैं – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, ऑ | स्वरों का वर्गीकरण मुख्यतः तीन आधार पर किया जा सकता है — 1️⃣ मात्रा के आधार पर 2️⃣ प्रयत्न के आधार पर 3️⃣ स्थान के आधार पर 1️⃣ मात्रा के आधार पर … Read more

हरियाणा की सांग परंपरा ( Haryana Ki Sang Parampara )

हरियाणा में लोक साहित्य का विशेष एवं अनूठा योगदान है | लोक साहित्य या जन-साहित्य वह साहित्य होता है जिसमें स्थानीय साहित्यकारों द्वारा लोक-भाषा में जन-जीवन की झांकी प्रस्तुत की जाती है | हरियाणा की सांग परंपरा हरियाणवी लोक साहित्य का सर्वाधिक लोकप्रिय पक्ष रहा है | सांग का अर्थ ( Saang Ka Arth ) … Read more

‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘ठेस’ फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित एक बहुचर्चित कहानी है | इस कहानी में उन्होंने एक कलाकार पात्र की कोमल भावनाओं का मार्मिक चित्रण किया है | ‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा कथानक, पात्र, संवाद, देशकाल, भाषा और उद्देश्य तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है | ‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा (1) कथानक … Read more

हरियाणवी भाषा की प्रमुख बोलियां ( Haryanvi Bhasha Ki Pramukh Boliyan )

हरियाणवी भाषा से अभिप्राय हरियाणा प्रदेश की भाषा से है | हरियाणा प्रदेश में बोली जाने वाली भाषा को ‘हरियाणवी‘ कहा जाता है | हरियाणवी भाषा हरियाणा प्रदेश के लोगों से जुड़ी हुई भाषा है जो यहां के लोगों के पारस्परिक वैचारिक आदान -प्रदान का प्रमुख साधन है | हरियाणवी भाषा को बांगरू, कौरवी, दक्षिणी … Read more