कर्म कर्म जपहु रे भाई

आजकल चौबे जी हर पल आध्यात्मिकता के रंग में रंगे नज़र आते हैं ,पहनावा भी काफ़ी हद तक आध्यात्मिक हो चला है । भगवदगीता से बहुत अधिक प्रभावित हैं यूँ कहिए कि उनका पूरा जीवन ही गीतामय हो गया है वैसे तो अपनेआध्यात्मिक व्यवहार के कारण वे आसपास के कई गाँवों में विख्यात हैं परंतु … Read more

भारतीय सिनेमा का एक नया अध्याय है ‘पठान’

पठान फ़िल्म ने रिलीज होते ही बॉलीवुड के अनेक रिकॉर्ड तोड़ दिए | पहले दिन पठान ने भारत में 57 करोड़ और वर्ल्डवाइड 106 करोड़ कमाई की है | ये अभी तक बॉलीवुड ही नहीं बल्कि हिंदी फिल्मों का एक रिकॉर्ड है | पठान पहली बॉलीवुड फ़िल्म है जो दो दिन में ही सौ करोड़ … Read more

शाहरुख़ खान : पिक्चर अभी बाकी है

चाँद तारे तोड़ लाऊँसारी दुनिया पर मैं छाऊँबस इतना सा ख़ाब है…… ये गीत जिस नायक पर फिल्माया गया है मानो उस नायक की अपनी महत्त्कांक्षाओं की अभिव्यक्ति था जिसे उसने न केवल पूरा किया बल्कि निरंतर चाँद तारों को समेटने और दुनिया पर छाने की उसकी हसरत के आगे मानो आज ये फलक और … Read more

श्रद्धा हत्याकांड

आफ़ताब-श्रद्धा प्रकरण के बाद दिल्ली में होने वाले एक और भयानक हत्याकांड ने समाजशास्त्रीयों को सोचने पर मजबूर कर दिया है | हालाँकि कुछ लोग श्रद्धा हत्याकांड को लव जेहाद के तौर पर देख रहे हैं लेकिन कुछ दिनों के अंतराल में ही ठीक इसी प्रकार के हत्याकाण्ड के अन्य उदाहरण स्पष्ट रूप से संकेत … Read more

अंतहीन दौड़

जैनेंद्र कुमार के व्यंग्यात्मक निबंध ‘बाज़ार दर्शन ‘ और श्यामा प्रसाद के व्यंग्यात्मक निबंध’ उपभोक्तावाद की संस्कृति ‘ में भौतिक साधनों की आकर्षक जकड़ से दिन पर दिन दम तोड़ती जीवन की स्वाभाविक ख़ुशी का शोचनीय चित्र प्रस्तुत किया गया है । बाज़ार वास्तव में हमारी रोज़मर्रा की ज़रूरतों की पूर्ति का साधन है । … Read more

प्रेस की स्वतंत्रता ( Press Ki Svatantrta )

 जब से आधुनिक प्रेस की स्थापना हुई है तभी से प्रेस  की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाते रहे हैं | विशेषत: जब पत्रकारिता सरकार के विरुद्ध मुखर होती है तो प्रेस की आजादी पर खतरा मंडराने लगते हैं | 1878 ईस्वी में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट से लेकर 1975 की इमरजेंसी के समय … Read more

क्या केजरीवाल की जीत भाजपा में कुछ अच्छे बदलाव लाएगी

  ⚫️ क्या केजरीवाल की जीत भाजपा में कुछ अच्छे बदलाव लाएगी ⚫️   आम आदमी पार्टी की प्रचंड जीत कई मायनों में महत्त्वपूर्ण है । एक तरफ़ यह जीत जहाँ ‘आप’ द्वारा आम आदमी की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने के अपने आश्वासन की दिशा में किये गए सार्थक प्रयासों की जीत है वहीं … Read more

सतत संपोषणीय विकास ( Sustainable Development )

  सतत संपोषणीय विकास     ( Sustainable Development ) जब से इस धरा पर मानव का प्रादुर्भाव हुआ है तभी से वह निरंतर विकासशील रहा है । अपनी  जीवन शैली को सरल बनाने के लिए व अपने लिए अधिक से अधिक भौतिक संसाधन जुटाने के लिए उसने निरंतर विकास किया है । इस विकास-यात्रा  में … Read more

भारतीय सन्दर्भ में धर्मनिरपेक्षता

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ जमीन को रामलला के पक्ष में सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस निर्णय से श्री राम जन्म भूमि के कानूनी विवाद का समाधान हो गया है जिससे वर्षों … Read more

क्या है CAB, CAA और NRC

                 क्या है CAB,  CAA और NRC    दिल्ली , यूपी समेत देश भर में संशोधित नागरिकता कानून  ( Citizenship Amendment Act ) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर या एनआरसी ( NRC- National Registor of Citizens  )  के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राष्ट्रीय राजधानी में संशोधित नागरिकता … Read more

सोशल मीडिया पर हिंदी

             सोशल मीडिया पर हिंदी का आना किसी भी भाषा के प्रचार-प्रसार में आरंभ से ही मीडिया  का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान रहा है | यह सही है कि आम बोलचाल की भाषा सहजता  व स्वाभाविकता  से प्रचार-प्रसार पा जाती है परंतु यह भी सही है कि आम बोलचाल की भाषा … Read more

स्वच्छता की नौटंकी

नौटंकी के नित नये आयाम गढे जा रहे हैं | गौ रक्षा और देशभक्ति के स्वांग के बाद जिस तरह से  स्वच्छता अभियान के नाम पर रसातल में पहुंच चुकी अर्थव्यवस्था और अनेक सरकारी उपक्रमों की बर्बादी की अपार सफलता के बाद,  देश हित के अनेक आवश्यक मुद्दों को दरकिनार करके पहले से स्वच्छ स्थानों … Read more

सिन्धु घाटी की सभ्यता और राजनीतिक स्वाँग

प्राचीन भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति के नाम पर जो नाम जबरन हमारे मन- मस्तिष्क में आरोपित कर दिया गया है वह है – वैदिक सभ्यता परंतु इतिहास का एक सामान्य छात्र भी भली भाँति जानता है कि सिन्धु घाटी की सभ्यता   ( सिंधु-सरस्वती सभ्यता ) इससे भी प्राचीन व इससे कहीं अधिक विकसित सभ्यता थी … Read more

संवेदनहीनता के उद्घोष

सत्रहवीं लोकसभा के प्रथम दिवस औवेसी के शपथ ग्रहण करते समय हिन्दुवादी राजनीतिक दलों  द्वारा “श्री राम”के नारे लगाना और प्रत्युत्तर में औवेसी द्वारा अल्लाह हु अकबर , जय हिंद , जय भीम और जय मीम के नारे लगाना हमारी राजनीतिक घटिया पन और मानसिक औछापन उजागर कर गया , साथ ही धर्म के विरुद्ध … Read more

संस्कृति की आड़ में

लोगों को गौ मूत्र के रूप में कैन्सर की अचूक दवा देकर स्वयं विदेशों में इलाज कराने वाले जिस प्रकार वैश्विक संस्कृति के इस दौर में मध्यक़ालीन भारत की साँझी संस्कृति को दरकनार कर प्राचीन भारतीय संस्कृति के वर्तमान समय में पूर्णत:   अनावश्यक तत्त्वों को महिमामंडित कर ज़बरन आरोपित करने का अभियान चला रहे … Read more