प्रथम विश्व युद्ध के कारण ( Pratham Vishwa Yudh Ke Karan )

प्रथम विश्व युद्ध 1914 ईस्वी से 1918 ईस्वी तक लड़ा गया | इस युद्ध के अनेक कारण थे जिनमें से कुछ कारणों का वर्णन निम्नलिखित है : — (1) उग्र राष्ट्रीयता उग्र राष्ट्रीयता से अभिप्राय एक ऐसी भावना से है जिसके अनुसार मनुष्य अपने राष्ट्र व जाति को सर्वश्रेष्ठ मानने लगता है | 19वीं सदी … Read more

इटली का एकीकरण ( Unification Of Italy )

इटली एक प्राचीन देश है | यह हमेशा विदेशी आक्रमणकारियों का शिकार रहा | इसका उत्तरी भाग ऑस्ट्रिया के अधीन था | दक्षिण भाग पर बूर्वो वंश के शासकों का अधिकार था | इस प्रकार इटली अनेक छोटे-छोटे भागों में बटा हुआ था | इटली का एकीकरण एक लंबे संघर्ष के बाद सम्भव हुआ जिसने … Read more

जर्मनी का एकीकरण ( Unification of Germany )

जर्मनी के एकीकरण में सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका बिस्मार्क की थी | प्रशा के शासक फ्रेडरिक विलियम चतुर्थ की मृत्यु के पश्चात विलियम प्रथम शासक बना उसने | उसने 1862 ईस्वी में बिस्मार्क को प्रशा का चांसलर ( प्रधानमंत्री ) नियुक्त किया | प्रधानमंत्री का पद संभालते ही बिस्मार्क ने कहा – “मेरी सबसे बड़ी इच्छा … Read more

फ्रांस की क्रांति के कारण व प्रभाव / परिणाम

फ्रांस की 1789 ईस्वी की क्रांति केवल फ्रांस की आंतरिक घटना नहीं बल्कि एक विश्व घटना थी | इस क्रांति ने विश्व इतिहास की दिशा बदल दी | फ्रांस की क्रांति के कारण फ्रांस की क्रांति ( French Revolution ) कोई आकस्मिक घटना नहीं थी | इस क्रांति के लिए अनेक सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक … Read more

औद्योगिक क्रांति का अर्थ, कारण, विकास व प्रभाव

18वीं सदी के आरंभ में यूरोप में औद्योगिक क्रांति का प्रादुर्भाव हुआ | सर्वप्रथम यह क्रांति इंग्लैंड में हुई | तत्पश्चात धीरे-धीरे यूरोप के अन्य देशों में औद्योगिक क्रांति हुई | औद्योगिक क्रांति के कारणों व प्रभावों का विस्तृत वर्णन करने से पूर्व औद्योगिक क्रांति के अर्थ को जानना नितांत प्रासंगिक होगा | औद्योगिक क्रांति … Read more

कृषि क्रांति : अर्थ, परिभाषा, काल, कारण व प्रभाव ( Krishi Kranti : Arth, Paribhasha, Kaal, Karan V Prabhav )

कृषि क्रांति से अभिप्राय है – कृषि उत्पादन में आश्चर्यजनक वृद्धि | 16वीं सदी से 18वीं सदी के बीच यूरोप में कृषि के क्षेत्र में अनेक परिवर्तन हुए | खेतों की चकबंदी और बाड़बंदी की गई | कृषि के नए औजारों व नए तरीकों का आविष्कार हुआ | उत्पादन एवं मुनाफा बढ़ने लगा | परिणामस्वरूप … Read more

वाणिज्यवाद : अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य, विशेषताएँ, काल व उदय के कारण

14वीं व 15वीं सदी में यूरोप में अनेक परिवर्तन हुए | इन परिवर्तनों का प्रभाव समाज, धर्म व राजनीति आदि हर क्षेत्र पर पड़ा | इन परिवर्तनों के कारण समाज के क्षेत्र में पुनर्जागरण तथा धर्म के क्षेत्र में धर्म सुधार आंदोलन, राजनीति के क्षेत्र में राष्ट्रवाद तथा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में वाणिज्यवाद का उदय … Read more

पूंजीवाद : अर्थ, परिभाषा विशेषताएं / लक्षण, उदय के कारण व प्रभाव

व्यापारी क्रांति के कारण आधुनिक अर्थव्यवस्था ने एक नई विशेषता ग्रहण की | इस नई विशेषता को पूंजीवाद कहा जाता है | पूंजीवाद के दो मूल तत्व होते हैं – (1) औजारों एवं संसाधनों पर निजी स्वामित्व, (2) अधिक से अधिक लाभ कमाना | पूंजीवादी व्यवस्था में धन कुछ लोगों के पास ही होता है … Read more

धर्म सुधार आंदोलन के कारण / कारक या परिस्थितियां

सोलवीं सदी के आरंभ में यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन ( Religious Reform Movement ) आरंभ हुआ | यह आंदोलन जर्मनी के मार्टिन लूथर ने आरंभ किया था लेकिन शीघ्र ही यह यूरोप के सभी देशों में फैल गया | धर्म सुधार आंदोलन का विस्तृत विवेचन करने से पूर्व धर्म सुधार आंदोलन के अर्थ को … Read more

पुनर्जागरण का अर्थ, परिभाषा एवं उदय के कारण

पुनर्जागरण ( Renaissance ) प्राचीन यूनान में रोम की सभ्यताओं से प्रेरित था | यह 14वीं सदी में इटली से शुरू हुआ तथा 17वीं सदी तक सारे यूरोप में फैल गया | इस आंदोलन को ‘रेनेसां'( Renaissance ) की संज्ञा दी जाती है | पुनर्जागरण का अर्थ एवं परिभाषा ( Meaning Of Renaissance ) यूरोप … Read more

सामंतवाद के पतन के कारण ( Samantvad Ke Patan Ke Karan )

उत्तर मध्यकाल में यूरोप में सामंतवाद ( Feudalism ) अपने पतन की ओर अग्रसर होने लगा था | 15वीं और 16वीं सदी में अनेक परिवर्तन हुए | अनेक शक्तिशाली राष्ट्रीय राज्यों का उदय हुआ | फलत: सामंतवाद ( Feudalism ) के बंधन ढीले पड़ने लगे | सामंतवाद के पतन व आधुनिक काल के उदय के … Read more