वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( हिंदी ), बी ए – छठा सेमेस्टर ( Vastunishth Prashn, Hindi, BA – 6th Semester )

◼️ ‘आशा का अंत’ निबंध के लेखक का नाम बताइए | उत्तर – बालमुकुंद गुप्त | 🔹 बालमुकुंद गुप्त का जन्म कब और कहां हुआ? उत्तर – बालमुकुंद गुप्त का जन्म 14 नवंबर, 1865 को हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियानी गांव में हुआ | 🔹 बालमुकुंद गुप्त की मृत्यु कब हुई? उत्तर – सन … Read more

आचार्य रामचंद्र शुक्ल का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिंदी के प्रमुख निबंधकार एवं आलोचक माने जाते हैं | उनका जन्म सन 1884 को उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले के अगोना नामक गाँव में हुआ | सन 1901 में इन्होंने मिशन हाई स्कूल से स्कूल फाइनल की परीक्षा पास की | कुछ समय तक उन्होंने इसी स्कूल में चित्रकला … Read more

बालमुकुंद गुप्त का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय बाबू बालमुकुंद गुप्त भारतेंदु युग के प्रमुख साहित्यकार हैं | उनका जन्म हरियाणा के झज्जर जिले के गुड़ियाना गांव में 14 नवम्बर, 1865 ईo को हुआ | इनके पिता का नाम पूरनमल तथा पितामह का नाम लाला गोवर्धनदास था | इनका परिवार बख्शी राम वालों के नाम से प्रसिद्ध था | 15 वर्ष की … Read more

तिब्बत के पथ पर : राहुल सांकृत्यायन ( Tibbat Ke Path Par : Rahul Sankrityayan )

( तिब्बत के पथ पर राहुल सांस्कृत्यायन द्वारा रचित यात्रा वृतांत है जिसमें उन्होंने अपनी तिब्बत यात्रा का रोचक व ज्ञानवर्धक वर्णन किया है | ) आज सवेरे-सवेरे थोड़ा-थोड़ा पानी बरस रहा था | बड़े सवेरे ही शौच आदि से निवृत हो मैंने तमंग तरुण से साथ चलने को कहा | उसे अपने खेत को … Read more

सदाचार का ताबीज : हरिशंकर परसाई ( Sadachar Ka Tabeez : Harishankar Parsai )

( यहाँ हरिशंकर प्रसाद द्वारा रचित व्यंग्य लेख ‘सदाचार का ताबीज’ का मूल पाठ तथा उसके मूल भाव को दिया गया है | ) एक राज्य में हल्ला मचा कि भ्रष्टाचार बहुत फैल गया है | राजा ने एक दिन दरबारियों से कहा, “प्रजा बहुत हल्ला मचा रही है कि सब जगह भ्रष्टाचार फैला हुआ … Read more

मेरे राम का मुकुट भीग रहा है : विद्यानिवास मिश्र

( यहाँ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित बी ए हिंदी – षष्ठ सेमेस्टर की पाठ्य पुस्तक ‘नव्यतर गद्य गौरव’ में संकलित विद्यानिवास मिश्र द्वारा रचित ललित निबंध ‘मेरे राम का मुकुट भीग रहा है’ का मूल पाठ तथा मूल भाव या निहित संदेश दिया गया है |) महीनों से मन बेहद-बेहद उदास है । उदासी की … Read more

देवदारु ( आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी )

पता नहीं किसने इस पेड़ का नाम ‘देवदारु’ रख दिया था, नाम निश्चय ही पुराना है, कालिदास से भी पुराना, महाभारत से भी पुराना | सीधे ऊपर की ओर उठता है, इतना ऊपर की पास वाली चोटी के भी ऊपर उठ जाता है, एकदम द्युलोक ( स्वर्गलोक, आकाश या अंतरिक्ष ) को भेद करने की … Read more

गिल्लू : महादेवी वर्मा ( Gillu : Mahadevi Verma )

( गिल्लू ( महादेवी वर्मा ) एक संस्मरणात्मक निबंध है जिसमें लेखिका ने अपनी पालतू गिलहरी के जीवन – प्रसंगों का चित्रण किया है | ) सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है | इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिप कर … Read more

उत्साह : आचार्य रामचंद्र शुक्ल ( Utsah : Acharya Ramchandra Shukla )

दुख के वर्ग में जो स्थान भय का है, वही स्थान आनंद-वर्ग में उत्साह का है | दुख हम प्रस्तुत कठिन स्थिति के नियम से विशेष रूप में दुखी और कभी-कभी उस स्थिति से अपने को दूर रखने के लिए प्रयत्नवान् भी होते हैं | उत्साह में हम आने वाली कठिन स्थिति के भीतर साहस … Read more

आशा का अंत : बालमुकुंद गुप्त ( Asha Ka Ant : Balmukund Gupt )

( ‘आशा का अंत’ बालमुकुंद गुप्त द्वारा लिखित एक व्यंग्य लेख है जो ब्रिटिश सरकार की शोषणकारी नीतियों व कुशासन पर तीखा प्रहार करता है | ) माई लार्ड! अब के आप के भाषण ने नशा किरकिरा कर दिया | संसार के सब दु:खों और समस्त चिंताओं को जो शिवशंभू शर्मा दो चुल्लू बूँटी पीकर … Read more