गिल्लू : महादेवी वर्मा ( Gillu : Mahadevi Verma )

( गिल्लू ( महादेवी वर्मा ) एक संस्मरणात्मक निबंध है जिसमें लेखिका ने अपनी पालतू गिलहरी के जीवन – प्रसंगों का चित्रण किया है | ) सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है | इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिप कर … Read more

भक्तिन ( महादेवी वर्मा )

अभ्यास के प्रश्न ( भक्तिन : महादेवी वर्मा ) (1) भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा? ( भक्तिन : महादेवी वर्मा ) उत्तर — भक्तिन का वास्तविक नाम लछमिन अर्थात लक्ष्मी था | लक्ष्मी धन की देवी होती है | परंतु भक्तिन के … Read more

वे मुस्काते फूल नहीं ( Ve Muskate Fool Nahin ) : महादेवी वर्मा

वे मुस्काते फूल नहीं – जिनको आता है मुरझाना, वे तारों के दीप नहीं – जिनको भाता है बुझ जाना ; (1) वे नीलम के मेघ नहीं – जिनको है घुल जाने की चाह, वह अनंत ऋतुराज, नहीं- जिसने देखी जीने की राह | (2) वे सूने से नयन, नहीं- जिनमें बनाते आँसू-मोती, वह प्राणों … Read more

दुख की बदली ( Dukh Ki Badli ) : महादेवी वर्मा

मैं नीर-भरी दुख की बदली स्पंदन में चिर निस्पंद बसा, क्रंदन में आहत विश्व हंसा, नयनों में दीपक-से जलते, पलकों में निर्झरिणी मचली | (1) मेरा पग-पग संगीत-भरा, श्वासों से स्वप्न-पराग झरा, नभ के नव रंग बुनते दुकूल, छाया में मलय-बयार पली | (2) में क्षितिज-भृकुटि पर घिर धूमिल, चिंता का भार बनी अविरल, रज-कण … Read more

कौन तुम मेरे हृदय में ( Kaun Tum Mere Hriday Mein ) : महादेवी वर्मा

कौन तुम मेरे हृदय में? कौन मेरी कसक में नित मधुरता भरता अलक्षित? कौन प्यासे लोचनों में घुमड़ घिर झरता अपरिचित? स्वर्ण-स्वप्नों का चितेरा नींद के सूने निलय में ! कौन तुम मेरे हृदय में? (1) अनुसरण निश्वास मेरे कर रहे किसका निरंतर? चूमने पदचिन्ह किसके लौटते यह श्वास फिर-फिर? कौन बंदी कर मुझे अब … Read more

कह दे माँ क्या अब देखूँ ! ( Kah De Maan Kya Ab Dekhun ) : महादेवी वर्मा

देखूँ खिलती कलियाँ या प्यासे सूखे अधरों को, तेरी चिर यौवन-सुषमा या जर्जर जीवन देखूँ ! देखूँ हिम-हीरक हँसते हिलते नीले कमलों पर, या मुरझाई पलकों से झरते आँसू-कण देखूँ ! (1) प्रसंग — प्रस्तुत अवतरण महादेवी वर्मा के द्वारा रचित कविता ‘कह दे माँ क्या अब देखूँ’ से अवतरित है जिसमें कवयित्री ने प्रकृति … Read more

वस्तुनिष्ठ प्रश्न, ( बीo एo हिंदी -तृतीय सेमेस्टर ( Objective Type Questions B A Hindi -3rd Semester )

🔹 ‘हरिऔध’ का पूरा नाम क्या है? उत्तर – अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ 🔹 ‘हरिओध’ जी किस युग के कवि हैं? उत्तर – द्विवेदी युग 🔹 ‘हरिऔध’ जी का जन्म कब हुआ था? उत्तर – सन 1865 में | 🔹 ‘हरिऔध’ जी का देहांत कब हुआ? उत्तर – 6 मार्च, 1947 को 🔹 ‘हरिऔध’ जी के … Read more

पथ के साथी : गद्य शैली/ भाषा शैली ( Path Ke Sathi : Gadya Shaili / Bhasha Shaili )

पथ के साथी ( Path Ke Sathi ) महादेवी वर्मा ( Mahadevi Varma ) द्वारा रचित संस्मरणात्मक कृति है | इस रचना में उन्होंने अपने युग के सात महान साहित्यकारों से संबंधित संस्मरण प्रस्तुत किए हैं | इस रचना में महादेवी वर्मा की शैली भी निराली है और भाषा भी | जिस कृति की भाषा-शैली … Read more

पथ के साथी : साहित्य-रूप पर विचार ( Path Ke Sathi : Sahitya Roop Par Vichar )

हिंदी साहित्य में कुछ ऐसी विधाएँ भी हैं जो भिन्न होते हुए भी कुछ न कुछ समानताएं रखती हैं | हिंदी साहित्य में संस्मरण, रेखाचित्र व चरित्र-प्रधान कहानीयाँ ऐसी ही विधाएं हैं | प्रसिद्ध गद्य लेखिका व कवियत्री महादेवी वर्मा ( Mahadevi Verma ) ने ऐसी तीन रचनाएं लिखी हैं – स्मृति की रेखाएं, अतीत … Read more