रक्खा पहलवान का चरित्र-चित्रण ( मलबे के मालिक )

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है जो हम भारत-पाकिस्तान के विभाजन की त्रासदी का मार्मिक चित्रण करती है | गनी मियां के बाद रक्खा पहलवान इस कहानी का दूसरा सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र कहा जा सकता है | संपूर्ण कहानी रक्खा और गनी के चरित्रों के इर्द-गिर्द ही घूमती है | … Read more

मलबे का मालिक कहानी में यथार्थबोध

‘मलबे का मालिक’ कहानी मोहन राकेश द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है | यह कहानी भारत-पाक विभाजन की त्रासदी का मार्मिक वर्णन करती है | प्रस्तुत कहानी तात्कालिक जीवन की यथार्थ अभिव्यक्ति कही जा सकती है | प्रस्तुत कहानी जहां एक तरफ भारत विभाजन के समय फैली सांप्रदायिक हिंसा और संवेदनहीनता का वर्णन करती है … Read more

गनी का चरित्र-चित्रण ( मलबे का मालिक )

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश द्वारा रचित एक सुप्रसिद्ध कहानी है | यह कहानी भारत-विभाजन की त्रासदी का मार्मिक चित्रण करती है | गनी ‘मलबे का मालिक’ कहानी का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पात्र कहा जा सकता है | वह एक बूढ़ा व्यक्ति है | भारत के विभाजन के समय वह पाकिस्तान चला गया था | उसका … Read more

मधूलिका का चरित्र-चित्रण ( पुरस्कार )

मधूलिका जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित कहानी ‘पुरस्कार’ की सर्वाधिक प्रमुख पात्र है | उसे कहानी की नायिका कहा जा सकता है | यदि कहानी की विषय-वस्तु तथा मुख्य भाव को ध्यान में रखा जाये तो मधुलिका इस कहानी की सबसे प्रमुख पात्र है | उसके सामने कहानी का नायक गौण प्रतीत होता है | मधुलिका … Read more

हामिद का चरित्र-चित्रण

‘ईदगाह’ कहानी मुंशी प्रेमचंद की एक ह्रदय-स्पर्शी कहानी है | हामिद इस कहानी का केंद्रीय पात्र है | कहानी एक अनाथ बच्चे हामिद की बाल-सुलभ आकांक्षाओं, कल्पनाओं, आशाओं, जिज्ञासाओं से गुजरती हुई एक ऐसे अंजाम तक पहुंचती है जहां वह सभी बाल-सुलभ बातों को छोड़कर प्रेम और त्याग की एक ऐसी मिसाल प्रस्तुत करता है … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए चतुर्थ सेमेस्टर – हिंदी )

(1) इस प्रश्न में हिंदी की निर्धारित पाठ्य-पुस्तक ‘कथाक्रम’ में दी गई कहानियों में से चार गद्यांश दिए जायेंगे जिनमें से दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी यह प्रश्न 12 ( 6+6 ) अंक का होगा — (i) ईदगाह : मुंशी प्रेमचंद ( Idgah : Munshi Premchand ) (ii) पुरस्कार ( जयशंकर प्रसाद ) (iii) … Read more

फैसला ( मैत्रेयी पुष्पा )

( ‘फैसला’ कहानी मैत्रेयी पुष्पा की बहुचर्चित कहानी है | इस कहानी का कथ्य सदियों से पुरुष द्वारा नारी पर किए जा रहे अत्याचारों पर आधारित है | कहानी दर्शाती है कि पुरुषप्रधान समाज ने नारी को परम्परा के नाम पर ऐसे बंधनों में बाँध दिया है कि आज की आधुनिक नारी भी उन बंधनों … Read more

पच्चीस चौका डेढ़ सौ : ( ओमप्रकाश वाल्मीकि )

( पच्चीस चौका डेढ़ सौ दलित चेतना के प्रतिष्ठित साहित्यकार श्री ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है इस कहानी के माध्यम से लेखक ने सवर्णों द्वारा दलित उत्पीड़न की झाँकी प्रस्तुत करते हुए दलितों की दबी-कुचली मानसिकता पर प्रकाश डाला है | पहली तन्ख्वाह के रुपए हाथ में थामे सुदीप अभावों के गहरे … Read more

ठेस ( फणीश्वर नाथ रेणु )

( ‘ठेस’ कहानी फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी है जिसमें एक कलाकार की भावुकता का वर्णन किया गया है | ) खेती-बाड़ी के समय गाँव के किसान सिरचन की गिनती नहीं करते। लोग उसको बेकार ही नहीं, ‘बेगार’ समझते हैं। इसलिए खेत-खलिहान की मजदूरी के लिए कोई नहीं बुलाने जाता है सिरचन को।क्या … Read more

मलबे का मालिक ( मोहन राकेश )

पूरे साढ़े सात साल के बाद वे लोग लाहौर से अमृतसर आए थे। हॉकी का मैच देखने का तो बहाना ही था, उन्हें ज्यादा चाव उन घरों और बाजारों को फिर से देखने का था जो साढ़े सात साल पहले उनके लिए पराए हो गए थे। हर सड़क पर मुसलमानों की कोई-न-कोई टोली घूमती नजर … Read more

‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय

( ‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी है जो हिंदी साहित्य जगत में ‘रोज’ नाम से प्रसिद्ध है | ) दोपहर में उस सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा, मानोउस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य, किन्तु फिर भी … Read more

पुरस्कार ( जयशंकर प्रसाद )

( ‘पुरस्कार’ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी है जिसमें प्रेम पर राष्ट्रप्रेम की महत्ता का प्रतिपादन किया गया है | ) आर्द्रा नक्षत्र, आकाश में काले-काले बादलों की घुमड़, जिसमें देव दुंदुभि का गंभीर घोष। प्राची के एक निरभ्र कोने से स्वर्ण-पुरुष झाँकने लगा था-देखने लगा महाराज की सवारी। शैलमाला के अंचल में समतल … Read more

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी का मूल भाव

साहित्य की विभिन्न विधाओं में सामाजिक असमानता के विरुद्ध आवाज उठाई गई है परंतु यह तत्काल संभव नहीं हुआ | प्रारंभ में केवल उच्च घरानों से संबंधित विषय-वस्तु को ही साहित्य में स्थान दिया गया | तत्पश्चात निम्न वर्गीय कुछ पात्रों का समावेश हुआ परंतु वे पात्र कभी प्रमुख पात्र नहीं बन पाए | महाभारत … Read more

ईदगाह : मुंशी प्रेमचंद ( Idgah : Munshi Premchand )

रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है | कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है | वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है |आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, मानो संसार को ईद की बधाई दे रहा है … Read more

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी की तात्विक समीक्षा ( Pachchis Chauka Dedh Sau Kahani Ki Tatvik Samiksha )

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा रचित एक अति चर्चित कहानी है | प्रस्तुत कहानी में लेखक ने जाति-पाति और शोषण को मुख्य रूप से आधार बनाकर निर्धन लोगों के जीवन की त्रासदी को व्यक्त किया है | प्रस्तुत कहानी में दिखाया गया है कि किस प्रकार से सूदखोर पूंजीपति असहाय और अशिक्षित … Read more