गोदान में आदर्शोन्मुख यथार्थवाद ( Godan Mein Aadarshonmukh Yatharthvad )
हिंदी साहित्य में प्रेमचंद ( Premchand ) को उपन्यास सम्राट के नाम से जाना जाता है | गोदान ( Godan ) उनकी प्रौढ़ रचना मानी जाती है | यह उपन्यास सन 1936 में प्रकाशित हुआ | उनका यह उपन्यास सबसे अधिक आलोचना का विषय रहा |उनके कुछ उपन्यास ठेठ यथार्थवाद लिए हुए हैं लेकिन गोदान … Read more