विद्युत शक्ति के प्रकार व उत्पादन केंद्र

आज के वैज्ञानिक युग में विद्युत शक्ति का बहुत अधिक महत्व है। आज किसी देश का जीवन स्तर वहाँ पर विद्युत के उत्पादन तथा प्रयोग से मापा जाता है। विद्युत शक्ति उपलब्ध होने का अर्थ अधिक उद्योग परिवहन, कृषि उपज तथा अधिक समृद्धि है। हमारे घरों को रात्रि के समय विद्युत ही प्रकाश देती है। … Read more

ऊर्जा के संसाधन : कोयला

जिन संसाधनों का प्रयोग हम उद्योगों में मशीनों को चलाने, यातायात के साधनों को गति देने, कृषि को यांत्रिक बनाने तथा घरेलू कामों के लिए करते हैं, उन्हें ऊर्जा के संसाधन कहते हैं। ऊर्जा के संसाधन औद्योगिक विकास के लिए अनिवार्य हैं । आज के युग में कुछ महत्त्वपूर्ण ऊर्जा के संसाधन, कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक … Read more

भारतीय कृषि : प्रमुख कारक, हरित क्रांति व प्रमुख कृषि ऋतुएँ

भारतीय कृषि के प्रमुख कारक भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ की लगभग 62% आबादी कृषि व उससे संबद्ध कार्यों में लगी हुई है। कृषि से जहाँ हमारे देश की जनसंख्या को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध होती है, वहीं उद्योगों को कच्चा माल भी प्राप्त होता है। भारतीय कृषि देश की अर्थव्यवस्था में सकल घरेलू … Read more

भारत का भौगोलिक परिचय

भारत का भौगोलिक परिचय इसके अक्षांशीय व देशान्तरीय विस्तार, इसके क्षेत्रफल तथा इसके मैदानों, पर्वतों, पठारों आदि को समाहित किए है | अतः इन सबका संक्षिप्त वर्णन करना आवश्यक होगा | भारत 8°4′ उत्तरी अक्षांश से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7′ पूर्वी देशांतर से 97°25′ पूर्वी देशांतर के बीच फैला हुआ है। इस प्रकार इसका … Read more

पियाजे का संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत

डॉक्टर जीन पियाजे स्विट्जरलैंड के मनोवैज्ञानिक थे | उन्होंने संज्ञानात्मक विकास ( Cognitive Development ) का सिद्धांत दिया | 🔹 उसने स्वयं के बच्चों पर अध्ययन किया | जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते गए उनके मानसिक विकास का वे बारीकी से अध्ययन करते रहे | 🔹 उसने कहा कि बच्चों में बुद्धि का विकास उनके जन्म … Read more

धरती से आसमान की ओर ( कक्षा-5) ( From the Earth to the Sky )

           ⚫️ धरती से आसमान की ओर ⚫️        ( From the Earth to the Sky )  ◼️ सौर मंडल ( Solar System ) : सूर्य, 8 ग्रह, उपग्रह तथा कुछ अन्य खगोलीय पिंडों जैसे शुद्रग्रह ( Asteroids) एवं उल्का पिंडों ( Meteorite ) से मिलकर सौरमंडल का निर्माण … Read more