हिंदी नाटक : उद्भव एवं विकास ( Hindi Natak : Udbhav Evam Vikas )

हिंदी में नाटक के उद्भव एवं विकास को 19वीं सदी से  स्वीकार किया जाता है लेकिन दशरथ ओझा ने नाटक को 13वीं सदी से स्वीकार करते हुए ‘गाय कुमार रास’ को हिंदी का पहला नाटक ( Hindi ka Pahla Natak ) माना है | उन्होंने मैथिली नाटकों, रासलीला तथा अन्य पद्यबद्ध नाटकों की चर्चा करते … Read more

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization )

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization ) ◼️ विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) संयुक्त राष्ट्र के 16 विशिष्ट अभिकरणों (Specialised Agencies) में से एक है, जिसका प्रमुख उद्देश्य विश्व स्वास्थ्य में प्रोन्नति लाना है। यह विश्व का स्वास्थ्य सम्बंधी अग्रणी संगठन है। इसकी नीतियों, कार्यक्रमों तथा प्रयासों का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जन स्वास्थ्य पर बहुत … Read more

पवनदूती / पवन दूतिका ( Pavandooti ) – प्रिय प्रवास – अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ -षष्ठ सर्ग ( मंदाक्रांता छंद )

नाना चिंता सहित दिन को राधिका थी बिताती | आंखों को थी सजल रखती उन्मना थी बिताती | शोभा वाले जलद वपु की, हो रही चातकी थी | उत्कंठा थी परम प्रबला, वेदना वर्द्धिता थी || (1) बैठी खिन्ना यक दिवस वे, गेह में थी अकेली | आके आंसू युगल दृग में, थे धरा को … Read more

राष्ट्रीय आंदोलन के विकास में सहायक तत्व या कारक ( Rashtriya Andolan Ke Vikas Mein Sahayak Tattv Ya Karak )

1857 ईo क्रांति असफल हो गई थी परंतु इस क्रांति के पश्चात भारत में राष्ट्रीयता का तेजी से विकास होने लगा | 1857 ईo की क्रांति ने लोगों को इस बात का एहसास करा दिया कि अगर वे संगठित होकर अंग्रेजों के विरुद्ध आंदोलन करें तो वह दिन दूर नहीं जब अंग्रेजों को भारत से … Read more

कृष्ण काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां/ विशेषताएं ( Krishna Kavya Parampara Evam Pravrittiyan / Visheshtaen )

कृष्ण काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां / विशेषताएँ  ( Krishna Kavya : Parampara Evam Pravrittiyan/Visheshtayen )   हिंदी साहित्य के इतिहास को मोटे तौर पर तीन भागों में बांटा जा सकता है – आदिकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल | हिंदी साहित्य-इतिहास के काल विभाजन और नामकरण को निम्नलिखित आलेख के माध्यम से भली  प्रकार समझा जा … Read more

सांप्रदायिकता : अर्थ, परिभाषा, उद्भव एवं विकास ( Sampradayikta Ka Arth, Paribhasha, Udbhav Evam Vikas )

उन्नीसवीं सदी के अंत तक राष्ट्रवाद के साथ-साथ सांप्रदायिकता का विकास होने लगा था | इसके विकास के साथ-साथ राष्ट्रीय आंदोलन की एकता के लिए खतरा उत्पन्न होने लगा था | सांप्रदायिकता के उद्भव और विकास को जानने से पहले इसके अर्थ को जानना आवश्यक है | सांप्रदायिकता का अर्थ ( Sampradayikta Ka Arth ) … Read more

1857 ईo की क्रांति के पश्चात प्रशासनिक व्यवस्था में परिवर्तन

1858 ईस्वी में भारत में प्रशासनिक व्यवस्था में व्यापक परिवर्तन किए गए | भारत में कंपनी के शासन का अंत कर दिया गया और भारत का शासन ब्रिटेन की संसद के अधीन कर दिया गया | 1858 ईo में प्रशासनिक व्यवस्था में किए गए परिवर्तनों का वर्णन इस प्रकार : – (क ) केंद्रीय प्रशासन … Read more

1857 ईo की क्रांति की प्रकृति या स्वरूप ( 1857 Ki Kranti Ki Prakriti Ya Swaroop )

1857 ईo की क्रांति ( Revolution of 1857 ) के स्वरूप के संबंध में विभिन्न विद्वानों के भिन्न-भिन्न मत हैं | कुछ इतिहासकार जैसे सर जॉन लॉरेंस, सीले, मार्शमैन, सर सैयद अहमद खां के अनुसार यह भारतीय सैनिकों का अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह था | सर जॉन लॉरेंस के अनुसार – “यह क्रांति वास्तव में … Read more

कुरुक्षेत्र : चतुर्थ सर्ग ( Kurukshetra : Chaturth Sarg ) (रामधारी सिंह दिनकर )

कुरुक्षेत्र ( चतुर्थ सर्ग ) : व्याख्या पितामह कह रहे कौन्तेय से रण की कथा हैं, विचारों की लड़ी में गूंथते जाते व्यथा हैं | हृदय-सागर मथित होकर कभी जब डोलता है, छिपी निज वेदना गंभीर नर भी बोलता है | (1) चुराता न्याय जो, रण को बुलाता भी वही है, युधिष्ठिर ! स्वत्व की … Read more

1857 ईo की क्रांति के परिणाम ( 1857 Ki Kranti Ke Parinam )

1857 ईo का विद्रोह ( The Revolt of 1857 ) भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है | इस विद्रोह में विद्रोहियों ने अदम्य साहस का परिचय दिया और अंग्रेजों को हिला कर रख दिया | एक बार तो ऐसा लगता था कि अंग्रेजों को भारत छोड़ना पड़ेगा परंतु अंग्रेज इस विद्रोह को दबाने … Read more

प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के कारण ( Pratham Svatantrta Sangram Ke Karan )

1857 की क्रांति भारतीय इतिहास की एक महत्वपूर्ण घटना थी | इस क्रांति ने भारतवासियों को एकता के सूत्र में बांधा और अंग्रेजों के विरुद्ध क्रांति का बिगुल बजाया | इस क्रांति को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की कहा जाता है | 1857 की क्रांति के कारण 1857 की क्रांति ( The Revolution of … Read more

लोकतंत्र : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं या लक्षण ( Loktantra : Arth, Paribhasha, Visheshtayen / Lakshan)

लोकतंत्र का अर्थ ( Meaning of Democracy ) लोकतंत्र को अंग्रेजी भाषा में डेमोक्रेसी ( Democracy ) कहते हैं | Democracy शब्द यूनानी भाषा के दो शब्दों Demos तथा Cratia से बना है | Demos का अर्थ है – सत्ता तथा Cratia का अर्थ है – सत्ता या शक्ति | इस प्रकार लोकतंत्र का अर्थ … Read more

ऑस्टिन का प्रभुसत्ता-सिद्धांत ( Austin’s Sovereignty Theory )

प्रभुसत्ता के कानूनी सिद्धांत की सबसे स्पष्ट व्याख्या इंग्लैंड के जॉन ऑस्टिन ( John Austin ) ने की है | उन्होंने अपनी पुस्तक ‘Lectures on Jurisprudence’ में इस सिद्धांत की विस्तृत व्याख्या की है | ऑस्टिन का प्रभुसत्ता–सिद्धांत ऑस्टिन ने प्रभुसत्ता की जो परिभाषा दी है वह उनके कानून संबंधी दृष्टिकोण पर आधारित है | … Read more

सामाजिक परिवर्तन : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं व प्रकृति ( स्वरूप )

परिवर्तन जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है | परिवर्तन के बिना जीवन नीरस है | समाज में परिवर्तन हमेशा होता रहता है परंतु परिवर्तन की गति कम या तीव्र हो सकती है | सामाजिक परिवर्तन का अर्थ (Samajik Parivartan Ka Arth ) सामाजिक परिवर्तन का अर्थ जानने से पहले परिवर्तन का अर्थ जानना आवश्यक है … Read more

न्याय की अवधारणा (Concept Of Justice )

न्याय का अर्थ ( Meaning of Justice ) न्याय को अंग्रेजी भाषा में ‘जस्टिस’ ( Justice ) कहते हैं जो लेटिन भाषा के ‘जस’ ( Jus ) शब्द से बना है जिसका अर्थ है – बंधन अथवा बांधना | इसका अभिप्राय यह है कि न्याय उस व्यवस्था का नाम है जिसके द्वारा एक व्यक्ति दूसरे … Read more

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