बाजार दर्शन : जैनेंद्र कुमार ( Bajar Darshan : Jainendra Kumar )

एक बार की बात कहता हूँ | मित्र बाजार गए तो थे कोई एक मामूली चीज लेने पर लौटे तो एकदम बहुत से बंडल पास थे | मैंने कहा – यह क्या? बोले – यह जो साथ थी | उनका आशय था कि यह पत्नी की महिमा है | उस महिमा का मैं कायल हूँ … Read more

जैनेंद्र कुमार के उपन्यास ( Jainendra Kumar Ke Upanyas )

जैनेंद्र कुमार ( 2 जनवरी, 1905 – 24 दिसंबर, 1988 ) हिंदी के प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं उन्होंने हिंदी उपन्यास को नई पहचान दिलाई उनके प्रमुख उपन्यास निम्नलिखित हैंं : – 🔹 परख ( 1929 ) – यह जैनेन्द्र कुमार द्वारा रचित प्रथम उपन्यास है | कट्टो, सत्यधन, बिहारी और गरिमा इस उपन्यास के प्रमुुुख पात्र … Read more