संपादक : गुण व दायित्व ( Sampadak : Gun V Dayitv )

संपादक ( Sampadak ) समाचार पत्र रूपी जलयान का कप्तान होता है | वह समाचार पत्र के विभिन्न क्षेत्रों का संचालन व नियमन करता है | वह संस्था के विभिन्न कर्मचारियों – संवाददाता, उप-संपादक, सह-संपादक , विज्ञापन-प्रबंधक आदि के मध्य समन्वय स्थापित करता है | समाचार पत्र की नीति के परिपालन का दायित्व उसका होता … Read more

फीचर का अर्थ, परिभाषा, स्वरूप, विशेषताएँ / गुण

फीचर आधुनिक युग की नवीन विधा है | यह विधा पत्रकारिता के क्षेत्र में हाल ही में विकसित हुई है | समाचार पत्रों के चार प्रमुख अंग होते हैं – समाचार, लेख, फीचर तथा चित्र | फीचर एक विशेष आलेख होता है | अपनी विभिन्न विशेषताओं के कारण यह अन्य तीन अंगों से सर्वथा भिन्न … Read more

शीर्षक-लेखन का महत्त्व एवं विशेषताएँ

समाचार, निबंध, कहानी, उपन्यास व किसी भी साहित्यिक विधा में शीर्षक का विशेष महत्त्व है | समाचार-लेखन में शीर्षक-लेखन का महत्त्व और अधिक बढ़ जाता है | प्रायः समाचार पत्रों के पाठक शीर्षक को देखकर ही उसे पढ़ने या छोड़ने का निर्णय लेते हैं | अतः समाचार के शीर्षक का सरल, संक्षिप्त और जिज्ञासावर्धक होना … Read more

पल्लवन : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं और नियम ( Pallavan : Arth, Paribhasha, Visheshtayen Aur Niyam )

पल्लवन किसी भाव का विस्तार है जो उसे समझने में सहायक सिद्ध होता है | विद्वान, संत-महात्मा आदि समास -शैली और प्रतीकात्मक शब्दों का प्रयोग करते हुए ऐसी गंभीर बात कह देते हैं जो उनके लिए तो सहज-सरल होती है पर सामान्य व्यक्ति के लिए उसके भाव को समझने में कठिनाई होती है | ऐसे … Read more

संक्षेपण : अर्थ, विशेषताएं और नियम ( Sankshepan : Arth, Visheshtayen Aur Niyam )

संक्षेपण एक कला है जिसका संबंध किसी विस्तृत विषय वस्तु या संदर्भ को संक्षेप में प्रस्तुत करने से होता है | विभिन्न संस्थानों, कार्यालयों और विद्यार्थियों के लिए इसका विशेष महत्व है | इसके अंतर्गत अनावश्यक और अप्रासंगिक अंशों को छोड़कर मूल भाव को ध्यान में रखकर उपयोगी तथ्यों को संक्षेप में प्रकट किया जाता … Read more

प्रयोजनमूलक हिंदी का स्वरूप ( Prayojanmoolak Hindi Ka Swaroop )

हम अपने दैनिक कार्यकलापों में जिस भाषा का प्रयोग करते हैं वह सामान्य व्यवहार की भाषा होती है परंतु विभिन्न औपचारिक कार्यों के लिए जैसे कार्यालय, बैंकिंग, तकनीकी आदि क्षेत्रों में परस्पर पत्र-व्यवहार के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, वह प्रयोजनमूलक भाषा कहलाती है | इस प्रकार किसी विशिष्ट प्रयोजन के लिए … Read more

प्रयोजनमूलक भाषा का अर्थ व प्रयोजनमूलक हिंदी का वर्गीकरण ( Prayojanmulak Hindi Ka Vargikaran )

हम अपने दैनिक कार्यकलापों में जिस भाषा का प्रयोग करते हैं वह सामान्य व्यवहार की भाषा होती है परंतु विभिन्न औपचारिक कार्यों के लिए जैसे कार्यालय, बैंकिंग, तकनीकी आदि क्षेत्रों में परस्पर पत्र-व्यवहार के लिए जिस भाषा का प्रयोग किया जाता है, वह प्रयोजनमूलक भाषा कहलाती है | इस प्रकार किसी विशिष्ट प्रयोजन के लिए … Read more