रूपिम की अवधारणा : अर्थ, परिभाषा और भेद ( Rupim Ki Avdharna : Arth, Paribhasha Aur Bhed )

  भाषा विज्ञान की दृष्टि से वाक्य भाषा की प्रथम महत्वपूर्ण सार्थक इकाई है परंतु वाक्य को अनेक खंडों में विभाजित किया जा सकता है यह खंड ही पद या रूप कहलाते हैं |  जब तक कोई शब्द केवल शब्दकोश तक सीमित होता है या वाक्य में प्रयुक्त नहीं होता तब तक वह केवल शब्द … Read more

प्रेस की स्वतंत्रता ( Press Ki Svatantrta )

 जब से आधुनिक प्रेस की स्थापना हुई है तभी से प्रेस  की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने के प्रयास किए जाते रहे हैं | विशेषत: जब पत्रकारिता सरकार के विरुद्ध मुखर होती है तो प्रेस की आजादी पर खतरा मंडराने लगते हैं | 1878 ईस्वी में वर्नाकुलर प्रेस एक्ट से लेकर 1975 की इमरजेंसी के समय … Read more

शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -2( Educational Psychology -2 )

          शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -2 👉 अंत:दृष्टि अधिगम सिद्धांत में वस्तु की किस स्थिति पर ध्यान दिया जाता है? ▪️ संपूर्ण स्थिति पर 👉 स्टैनले हॉल ( Stanley Hall ) द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत कौन सा है? ▪️ पुनरावृति का सिद्धांत 👉 स्पीयरमैन ( Spearman ) द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत में किस प्रकार … Read more

हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग : भक्तिकाल ( Hindi Sahitya Ka Swarn Yug :Bhaktikal )

      हिन्दी साहित्य का स्वर्ण युग : भक्तिकाल  ‘भक्तिकाल’ की समय सीमा संवत् 1375 से 1700 संवत् तक मानी  जाती है । भक्तिकाल हिंदी साहित्य का सबसे महत्वपूर्ण काल है जिसे इसकी विशेषताओं के कारण इसे स्वर्ण युग कहा जाता है । राजनैतिक, सामाजिक, धार्मिक, दार्शनिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से अंतर्विरोधों से परिपूर्ण … Read more

महात्मा गाँधी : असहयोग आंदोलन ( Mahatma Gandhi : Asahyog Aandolan )

         असहयोग आंदोलन : कारण और प्रमुख घटनाएं  ( Asahyog Andolan : Karan और Pramukh Ghatnayen ) प्रथम विश्व युद्ध के पश्चात् महात्मा गाँधी  ने भारतीय राजनीति  में प्रवेश किया | कुछ दिनों के पश्चात् वे कांग्रेस  के अपरिहार्य सदस्य बन गए | महात्मा गाँधी के नेतृत्त्व में कांग्रेस व भारतीय स्वतंत्रता … Read more

शिक्षा मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी -1 ( Shiksha Manovigyan Prashnottari -1)

         शिक्षा-मनोविज्ञान प्रश्नोत्तरी 👉 गेस्टाल्टवाद ( Gestaltvad )  का जन्मदाता किसे माना जाता है?▪️ वर्दीमर ( Wertheimer ) ( जर्मनी )👉 “शिक्षा मनोविज्ञान व्यक्ति की जन्म से लेकर वृद्धावस्था तक के सीखने के अनुभवों का वर्णन तथा व्याख्या करता है |” यह कथन किसका है?▪️ क्रो एंड क्रो👉 पावलव ( Pavlov ) … Read more

मूल्यांकन : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, आवश्यकता एवं महत्त्व ( Evaluation : Meaning, Definition, Characteristics, Importance )

      मूल्यांकन : अर्थ,  परिभाषा और विशेषताएं (Mulyankan : Arth, Paribhasha Aur Visheshtayen )    ◼️ मूल्यांकन का अर्थ ( Meaning Of Evaluation )  मूल्यांकन अध्यापन-अधिगम प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण अंग है | यह पढ़ाने में अध्यापकों की तथा सीखने में विद्यार्थियों की मदद करता है |मूल्यांकन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है … Read more

अभिप्रेरणा ( Motivation )

          अभिप्रेरणा ( Abhiprerna ) ◼️ अभिप्रेरणा का शिक्षण में महत्वपूर्ण स्थान है इसके महत्व को समझाते हुए कहा गया है – “अभिप्रेरणा शिक्षण का महापथ है | अभिप्रेरणा 50% शिक्षण है “ ऐसा कोई भी कार्य या वस्तु या लक्ष्य जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए संचालित कर दे, … Read more

भक्ति आंदोलन : उद्भव एवं विकास ( Bhakti Andolan : Udbhav Evam Vikas )

           भक्ति आंदोलन : उद्भव एवं विकास  ( Bhakti Andolan : Udbhav Evam Vikas )   ईश्वर के प्रति जो परम श्रद्धा, आस्था व प्रेम है – उसे भक्ति    कहते    हैं। नारद भक्ति-सूत्र    के अनुसार –“परमात्मा  के प्रति परम प्रेम को भक्ति कहते हैं |”  भक्ति शब्द की निष्पति … Read more

संवेग ( Emotion )

             संवेग ( Emotion ) ‘संवेग’ को अंग्रेजी भाषा में इमोशन ( Emotion )  कहते हैं | Emotion शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘इमोवियर’(Emovere) शब्द से हुई है जिसका अर्थ है – भड़क उठना या उत्तेजित होना |▪️ अत: संवेग ( Emotion ) शरीर के उत्तेजित होने वाली क्रिया … Read more

सृजनात्मकता ( Creativity )

       सृजनात्मकता ( Creativity )                                  सृजनात्मकता का अर्थ          ( Meaning of Creativity )  ‘सृजनात्मकता’ को अंग्रेजी भाषा में क्रिएटिविटी ( Creativity ) कहते हैं जो क्रिएटिव ( Creative ) शब्द से बना है, … Read more

आदिकाल : प्रमुख कवि, रचनाएं व नामकरण ( Aadikal ke Pramukh Kavi, Rachnayen Evam Naamkaran )

       आदिकाल की प्रमुख रचनाएं एवं नामकरण  Aadikal ki Pramukh Rachnayen Evam Namkaran  ▪️ सरहपाद ( 769 ईस्वी ) – दोहाकोश▪️ स्वयंभू (आठवीं सदी) –  पउम चरिउ, णयकुमार चरिउ, नागकुमार चरिउ👉 [ पउम चरिउ ( राम कथा)  के कारण स्वयंभू को अपभ्रंश का वाल्मीकि कहा जाता है | ] ▪️ जोइंदु (आठवीं सदी) … Read more

संज्ञान ( Cognition )

            संज्ञान ( Sangyan ) संज्ञान एक ऐसी बौद्धिक या मानसिक अवस्था है जिसमें ज्ञान, अवबोध,  उपयोग एवं मूल्यांकन पक्ष शामिल होते हैं | इसमें स्मरण, प्रत्यक्षण,  चिंतनt भाव आदि क्रियाएं निहित होती हैं |बालक का व्यवहार उसकी संज्ञानात्मक संरचना से सुनिश्चित होता है | इसके पश्चात यह संरचना वातावरण … Read more

सक्रिय / नैमित्तिक अनुबंधन सिद्धांत ( Sakriya Ya Naimittik Anubandhan Siddhant )

सक्रिय या नैमित्तिक अनुबंधन सिद्धांत ( Sakriya Ya Naimittik Anubandhan Siddhant ) सक्रिय अनुबंधन सिद्धांत को नैमित्तिक अनुबंधन सिद्धांत भी कहते हैं | इस अनुबंधन सिद्धांत को क्रिया-प्रसूत अनुबंधन सिद्धांत ही कहा जाता है |                       🔷  अर्थ  🔷             … Read more

शास्त्रीय अनुबंधन सिद्धांत ( Pavlov’s Classical Conditioning Theory )

             शास्त्रीय अनुबंधन अधिगम सिद्धांत   ( Shastriya Anubandhan Siddhant )  अनुबंधन का सिद्धांत ( Conditioning Theory) व्यवहारवाद की देन है |  व्यवहारवादियों ने बताया कि जिस प्रकार का व्यवहार सीखना हो उसी प्रकार का उद्दीपन उस व्यक्ति को दिया जाता है | बार-बार दिया जाने वाला उद्दीपन एक क्रिया … Read more

error: Content is proteced protected !!