विश्व की प्रमुख जनजातियाँ

बोरों जनजाति, पापुआन जनजाति, सेमोयाड्स जनजाति, युकागीर जनजाति, पुनन जनजाति, कज्जाक, माया, बोअर, जुलु, अफरीदी, हाजदा, कुंग, अपाचे, एस्किमों, बुशमैन आदि विश्व की प्रमुख जनजातियाँ हैं जिनका संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित है —

विश्व की प्रमुख जनजातियाँ
विश्व की प्रमुख जनजातियाँ

बोरों जनजाति

बोरो जनजाति पश्चिम अमेजन बेसिन, ब्राजील, पेरू और कोलंबिया के सीमांत क्षेत्रों में मिलती है | यह जनजाति आदिम कृषक के रूप में जीवन-यापन करती है |

शारीरिक गठन की दृष्टि से बोरों अमेरिका के रेड इंडियन के समान हैं | इनकी त्वचा का रंग भूरा, बाल सीधे और कद मध्यम होता है |

यह स्वभाव से लड़ाकू और निर्दयी होते हैं | इनके उत्सवों में मानव-हत्या व मांस-भक्षण अधिक प्रचलित है | विजय-चिह्न के रूप में ये मानव-खोपड़ी को अपनी झोपड़ियों में लगाते हैं |

पापुआन जनजाति

प्रशांत महासागर में स्थित पापुआ न्यू गिनी द्वीप के ये आदिवासी पिग्मी जाति से मिलते-जुलते हैं | इनका कद नाटा, त्वचा का रंग गहरा कत्थई एवं डील-डौल बेतुका होता है |

पापुआन जनजाति का मुख्य व्यवसाय कृषि है | ये गन्ना और पपीता भी उगाते हैं | कुछ पापुआन पशुपालन भी करते हैं | पापुआन खूंखार प्रवृत्ति के अंधविश्वासी लोग हैं |

सेमोयड्स जनजाति

सेमोयड्स पश्चिमी साइबेरिया के टुंड्रा प्रदेश के निवासी हैं जो मंगोलॉयड प्रजाति के हैं | इनका मुख्य व्यवसाय शिकार करना व पशुपालन है | ये खानाबदोश आखेटक हैं | इनका स्थायी निवास स्थान नहीं होता |

युकागीर जनजाति

युकागीर जनजाति मंगोलॉयड प्रजाति के अंतर्गत आती है | यह जनजाति उत्तर पूर्वी साइबेरिया के बर्खोयाँस्क और स्टेनोवाय पर्वत के मध्य रहती है | आखेट करना और मत्स्य-पालन इनकी अर्थव्यवस्था का आधार है | ये लोग रेंडियर का शिकार करते हैं | यह एक विलुप्त प्राय जनजाति है | वर्तमान में इस जनजाति में लोगों की संख्या मात्र 2,000 है |

पुनन जनजाति

पुनन जनजाति मध्य बोर्निया में रहने वाली जनजाति है जो कृषि द्वारा और वनों से खाद्य संग्रह करके अपना निर्वाह करती है |

कज्जाक जनजाति

वासीक्यांग ( चीन ) में पाए जाने वाली इस जनजाति के लोग खानाबदोश पशुचारक हैं |

माया जनजाति

माया जनजाति मुख्य रूप से मेक्सिको, ग्वाटेमाला और होंडुरास में निवास करती है | यह जनजाति मूल रूप से कृषक है |

माओरी जनजाति

माओरी जनजाति न्यूजीलैंड की जनजाति है | इनका प्रमुख व्यवसाय कृषि, शिकार एवं वन-उत्पादों का संग्रह है |

मगयार जनजाति

मगयार जनजाति युगोस्लाविया, चेकोस्लोवाकिया और यूक्रेन में रहती है | इनका मुख्य व्यवसाय कृषि है | इन्हें हंग्रेरियन भी कहते हैं क्योंकि ये हंग्रेरी भाषा बोलते हैं |

बोअर जनजाति

बोअर जनजाति के लोग दक्षिण अफ्रीका के ऑरेंज फ्री स्टेट में रहते हैं | ये मुख्य रूप से पशुपालक और कृषक हैं |

जुलु जनजाति

जुलू जनजाति का संबंध है दक्षिण अफ्रीका के नैटाल क्षेत्र से है | ये ‘न्युगी’ भाषा बोलते हैं | ये मुख्यतः कृषक और पशुपालक हैं |

कोसेक्स जनजाति

कोसेक्स जनजाति के लोग काला सागर और कैस्पियन सागर के निकटवर्ती उत्तरी भागों में रहते हैं | ये पोलैंड, लिथुआनिया, मस्कोवा व रूस में मिलते हैं | ये खूंखार व लड़ाकू प्रवृत्ति के होते हैं | कृषि इनका मुख्य व्यवसाय है |

अफरीदी जनजाति

अफरीदी जनजाति पाकिस्तान में सफेद कोह से पेशावर तक मिलने वाली पख्तूनी आदिवासी जनजाति है | इस जनजाति के लोग वीर व कुशल योद्धा होते हैं |

हाज्दा जनजाति

तंजानिया में रहने वाली हाज्दा जनजाति एक विलुप्त प्राय जनजाति है | इस जनजाति के लोगों की संख्या मात्र 200 है | ये लोग बुशमैन के समान बोली बोलते हैं |

कुंग जनजाति

कुंग जनजाति का निवास कालाहारी ( अफ्रीका ) क्षेत्र है | आनुवांशिक साक्ष्यों से इस बात की पुष्टि होती है कि यह अफ्रीका के विशाल क्षेत्र में विस्तृत थे परंतु वर्तमान में इनकी संख्या केवल 1500 है |

अपाचे जनजाति

अपाचे जनजाति संयुक्त राज्य अमेरिका के ओकलाहामा के मैदानों में रहती है | इस जनजाति में व्यक्तियों की संख्या मात्र 1000 है | ये साइबेरिया से यहां आए थे |

यनोमनी जनजाति

यनोमनी जनजाति वेनेजुएला और ब्राजील के सीमावर्ती क्षेत्रों में मिलती है | वर्तमान में यह विलुप्त प्राय जनजाति है |

चुक्की जनजाति

चुक्की जनजाति के लोग उत्तर-पूर्वी साइबेरिया व उत्तरी अमेरिका में निवास करते हैं |

ओंगे जनजाति

ओंगे जनजाति अंडमान द्वीप में निवास करने वाली एक विलुप्त प्राय जनजाति है | इस समय इस जनजाति के लोगों की संख्या 100 से भी कम है | यह माना जाता है कि इस जनजाति के लोग हजारों वर्ष पूर्व अफ्रीका से यहां आए थे |

सेंटीनली जनजाति

सेंटीनली जनजाति भी अंडमान-निकोबार की विलुप्त प्राय जनजाति है |

एस्किमों जनजाति

एस्किमों जनजाति के लोग अलास्का तथा टुंड्रा प्रदेशों में रहते हैं | ये मंगोलॉयड प्रजाति के लोग हैं | इनका मुख्य व्यवसाय शिकार है इनके निवास स्थान को ‘इग्लू’ कहते हैं जो बर्फ से बना होता है | परिवहन के साधन के रूप में ये रेंडियर की सहायता से खींचने वाली स्लेज गाड़ी का प्रयोग करते हैं |

बुशमैन जनजाति

बुशमैन जनजाति के लोग दक्षिण अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल में निवास करते हैं | ये नीग्रोयड प्रजाति के हैं | ये प्रायः नग्न रहते हैं | इनका मुख्य व्यवसाय शिकार है | ये गुफाओं तथा झोपड़ियों में रहते हैं |

पिग्मी जनजाति

पिग्मी लोग कांगो बेसिन ( अफ्रीका ) के घने जंगलों में निवास करते हैं | ये नीग्रोयड प्रजाति के हैं | इनका मुख्य व्यवसाय शिकार है |इनका घर झोपड़ियों का बना होता है जिसके दरवाजे अत्यंत छोटे होते हैं |

बद्दू जनजाति

बद्दू जनजाति अरब के उत्तरी भाग के मरुस्थलीय क्षेत्रों में निवास करने वाली जनजाति है | इस जनजाति के लोग खानाबदोश जीवन व्यतीत करते हैं | इनका मुख्य व्यवसाय पशुपालन एवं कृषि हैं | ये लोग तंबू में निवास करते हैं | बद्दू लोग सिर पर स्कार्फ बांधते हैं | ये नीग्रोइड प्रजाति के लोग हैं |

खिरगिज जनजाति

खिरगिज जनजाति के लोग मध्य एशिया के उच्च भूमि क्षेत्र में निवास करते हैं | ये मंगोलॉयड प्रजाति के लोग हैं | इनका मुख्य व्यवसाय पशुपालन है | घोड़े तथा ऊंट का प्रयोग परिवहन के लिए किया जाता है | इनके निवास गृह को ‘यूर्ट’ कहते हैं |

सेमांग जनजाति

सेमांग जनजाति के लोग मलाया के पर्वतीय भागों में निवास करते हैं | ये नीग्रिटो प्रजाति के लोग हैं | इनका जीवन वनों की उपज तथा आखेट पर निर्भर करता है | सेमांग लोग पेड़ों पर झोपड़ियां बनाकर रहते हैं | पेड़ों के रेशों से बनी पत्तियों से ये अपने गुप्त-अंगो को ढकते हैं |

सकाई जनजाति

सकाई जनजाति भी मलाया के पर्वतीय भागों में निवास करती है | इस जनजाति के लोगों का रंग साफ, शरीर छरहरा तथा कद लंबा होता है | ये लोग प्रायः निर्वस्त्र रहते हैं | सकाई लोग आदिम प्रकार की कृषि करते हैं | इनके निवास पेड़ों की छाल एवं ताड़ के पत्तों से बने होते हैं | सकाई स्त्रियां पूर्ण स्वतंत्र होती हैं |

मसाई जनजाति

मसाई जनजाति कीनिया व युगांडा के पठारी भागों में मिलती है | इस जनजाति के लोग खानाबदोश जीवन व्यतीत करते हैं | इनका मुख्य व्यवसाय पशु पालन है | ये लोग झोपड़ियों में रहते हैं जो अंडाकार होती हैं |

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