चिथड़ा-चिथड़ा मैं ( Chithda Chithda Main ) : रघुवीर सहाय
अब देखो बाजार में एक ढेर है चिथड़ों का और एक मैं हूं कि जिसके चिथड़े सब एक जगह नहीं वे मेरी धज्जियां कहां गई खोजकर लाओ उन्हें सिरहाने रात को रख जिनको सोया था | डप कागजों से | 1️⃣ मैं चिथड़े हो गया हूँ यही मेरी पहचान है – चिथड़ा चिथड़ा मैं मैं … Read more