हिंदी साहित्य में प्रथम ( Hindi Mein Pratham )

                   ⚫️ हिंदी में प्रथम ⚫️             ( Hindi Mein Pratham ) ———————————————— 🔷 हिंदी की प्रथम रचना – श्रावकाचार ( 933 ई, रचयिता- देवसेन ) 🔷 हिंदी का प्रथम कवि-सरहपाद ( 769 ई, दोहाकोश के रचयिता ) 🔷 हिंदी का प्रथम … Read more

पृथ्वी ( The Earth )

                ⚫️ पृथ्वी ( THE  EARTH  ) ⚫️                    🔷 कुछ महत्त्वपूर्ण प्रश्न 🔷       ━━━━━━━━━━━━━━━━━━ 1️⃣  पृथ्वी अपने अक्ष पर कितना झुकी है ? ►23.30 2️⃣ सौर मंडल का एक मात्र ग्रह जिस पर जीवन है ? … Read more

भारतीय सन्दर्भ में धर्मनिरपेक्षता

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या में विवादित 2.77 एकड़ जमीन को रामलला के पक्ष में सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस निर्णय से श्री राम जन्म भूमि के कानूनी विवाद का समाधान हो गया है जिससे वर्षों … Read more

हिंदी उपन्यास : उद्भव एवं विकास ( Hindi Upanyas : Udbhav Evam Vikas )

              हिंदी उपन्यास :उद्भव एवं विकास       ( Hindi Upanyas : Udbhav Evam Vikas ) उपन्यास हिंदी गद्य की एक आधुनिक विधा है । इस विधा का हिंदी में प्रादुर्भाव अंग्रेज़ी साहित्य के प्रभाव स्वरूप हुआ । लेकिन इसका यह अर्थ कदापि नहीं कि इससे पहले भारत में … Read more

हिंदी कहानी : उद्भव एवं विकास ( Hindi Kahani : Udbhav Evam Vikas )

                हिंदी कहानी : उद्भव एवं विकास       ( Hindi Kahani : Udbhav Evam Vikas ) आधुनिक हिंदी कहानी का स्वरूप अंग्रेजी तथा बांग्ला कहानी से प्रभावित है |हिंदी की प्रथम कहानी को लेकर विद्वानों में मतभेद है | कुछ विद्वान इंशा अल्ला खां द्वारा रचित ‘रानी … Read more

रीतिकाल : परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Reetikal : Parampara Evam Pravritiyan )

             रीतिकाल : परंपरा एवं प्रवृतियां     ( Reetikal : Parampara Evam Pravrityan )   हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है – आदिकाल,  मध्यकाल व आधुनिक काल | मध्यकाल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल ( Reetikal ) के नाम … Read more

रीतिसिद्ध काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Reetisiddh kavya: Parampara Evam Pravritiya )

              रीतिसिद्ध काव्य परंपरा    हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बाँटा जा सकता है – आदिकाल, मध्यकाल व आधुनिक काल | मध्यकाल के पूर्ववर्ती काल को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है |  रीतिकाल की समय-सीमा संवत 1700 से संवत … Read more

रीतिमुक्त काव्य : परंपरा व प्रवृत्तियां ( Reetimukt Kavya: Parampara Evam Pravrittiya )

हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है अधिकार मध्यकाल और आधुनिक काल | मध्य काल के उत्तर भर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है | हिंदी साहित्य में संवत 1700 से संवत 1900  तक का काल रीतिकाल है जिसमें तीन प्रकार का साहित्य मिलता है – रीतिबद्ध … Read more

सोशल मीडिया पर हिंदी

             सोशल मीडिया पर हिंदी का आना किसी भी भाषा के प्रचार-प्रसार में आरंभ से ही मीडिया  का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान रहा है | यह सही है कि आम बोलचाल की भाषा सहजता  व स्वाभाविकता  से प्रचार-प्रसार पा जाती है परंतु यह भी सही है कि आम बोलचाल की भाषा … Read more

रीतिबद्ध काव्य-परंपरा व प्रवृत्तियां ( Reetibaddh Kavya Parampara v Pravritiyan )

             रीतिबद्ध काव्य परंपरा एवं प्रवृत्तियां                Ritibadh Kavya Parampara  हिंदी साहित्य के मध्यकाल के परवर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है | अतः स्पष्ट है कि संवत 1700 से संवत 1900 तक का काल रीतिकाल कहलाता है | रीतिकाल में … Read more

रीतिकाल : समय-सीमा व नामकरण ( Reetikal: Samay Seema v Naamkaran )

रीतिकाल: समय-सीमा व नामकरण   ( Reetikal Ka Naamkaran )   हिंदी साहित्य के इतिहास को मुख्यतः तीन भागों में बाँटा जा सकता है : आदिकाल , मध्यकाल व आधुनिक काल । आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से स० 1375  तक माना जाता है । मध्यकाल को दो भागों में बाँटा गया है ; पूर्ववर्ती … Read more

आदिकाल की परिस्थितियां ( Aadikal Ki Paristhitiyan )

                आदिकाल की परिस्थितियां               ( Aadikal Ki Paristhitiyan ) हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है : आदिकाल,  मध्यकाल और आधुनिक काल | मध्यकाल को भक्तिकाल और रीतिकाल में बांटा जा सकता है |आदिकाल की समय सीमा … Read more

स्वच्छता की नौटंकी

नौटंकी के नित नये आयाम गढे जा रहे हैं | गौ रक्षा और देशभक्ति के स्वांग के बाद जिस तरह से  स्वच्छता अभियान के नाम पर रसातल में पहुंच चुकी अर्थव्यवस्था और अनेक सरकारी उपक्रमों की बर्बादी की अपार सफलता के बाद,  देश हित के अनेक आवश्यक मुद्दों को दरकिनार करके पहले से स्वच्छ स्थानों … Read more

चोल वंश ( Chola Dynasty )

                         चोल साम्राज्य                      ( Chola Empire )                 ( 3री सदी से 13वीं सदी )   चोल वंश का उत्कर्ष 9वीं सदी में हुआ परंतु इनका आरम्भिक इतिहास संगम … Read more

पल्लव वंश ( Pallava Dynasty )

                                पल्लव वंश                       ( Pallava Dynasty )   पल्लव वंश दक्षिण भारत का एक प्रमुख राजवंश था | इसने छठी सदी से नौवीं सदी तक शासन किया | इनकी राजधानी … Read more

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