वाताग्र की उत्पत्ति के कारण व प्रकार
स्पाइलर के अनुसार — “दो विपरीत वायुराशियों के मिलन-स्थल को वाताग्र कहते हैं |” साधारणत: वाताग्र न तो धरातलीय सतह के समानांतर होता है और न ही उस पर लंबवत होता है बल्कि कुछ कोण पर झुका हुआ होता है | पृथ्वी पर सभी स्थानों पर वाताग्र का ढाल एक समान नहीं होता | वास्तव … Read more