विद्यापति पदावली : वंदना ( Vidyapati Padavali : Vandana )

नन्दक नन्दन कदम्बक तरु-तर धिरे धिरे मुरलि बजाव । समय- संकेत-निकेतन बइसल बेरि बेरि बोलि पठाव । सामरि, तोरा लागि ‘अनुखन विकल मुरारि । जमुना के तिर उपवन उद्वेगल फिरि फिरि ततहि निहारि । गोरस बेंचए अवइत जाइत जनि जनि पूछ बनमारि । तोहे मतिमान, सुमति, मधुसूदन बचन सुनह किछु मोरा । मनइ विद्यापति सुन … Read more

‘पद्मावत’ का महाकाव्यत्व ( Padmavat Ka Mahakavyatv )

‘पद्मावत’ ( Padmavat ) मालिक मुहम्मद जायसी ( Malik Mohammad Jaysi ) द्वारा रचित सर्वाधिक प्रसिद्ध सूफी महाकाव्य है | तथापि इस रचना के काव्य-रूप को लेकर विद्वानों में मतभेद है | वस्तुत: उन्होंने अपना काव्य -ग्रन्थ में भारतीय प्रबंध-काव्य शैली व मनसवी शैली के ; दोनों का निर्वहन किया है | इसके साथ-साथ उन्होंने … Read more

कबीर की भक्ति-भावना ( Kabir Ki Bhakti Bhavna )

‘भक्ति’ शब्द की उत्पत्ति ‘भज्’ शब्द से हुई है जिसका अर्थ है – भजना अर्थात् भजन करना | ‘ ‘भक्ति’ की कुछ प्रमुख परिभाषाएं निम्नलिखित हैं : (क) ‘शांडिल्य भक्ति सूत्र’ के अनुसार ईश्वर में परम अनुरक्ति का नाम ही भक्ति है | (ख) शंकराचार्य ने उत्कंठा युक्त निरंतर स्मृति को भक्ति कहा है | … Read more

‘ठेस’ कहानी का मूल भाव, उद्देश्य व प्रतिपाद्य / शीर्षक का औचित्य

‘ठेस’ ( Thes ) कहानी फणीश्वरनाथ रेणु ( Fanishvarnath Renu ) द्वारा रचित एक प्रसिद्ध आंचलिक कहानी है | प्रस्तुत कहानी का शीर्षक संक्षिप्त, सार्थक तथा उपयुक्त है | प्रस्तुत शीर्षक कहानी के मूल भाव तथा उद्देश्य को उजागर करता है | इस कहानी में लेखक ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि … Read more

भक्तिकाल की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक परिस्थितियाँ

हिंदी साहित्य के इतिहास में संवत 1375 से संवत 1700 तक का काल भक्तिकाल के नाम से जाना जाता है | किसी भी काल की परिस्थितियां उसके साहित्य को प्रभावित करती हैं | भक्तिकाल की राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और साहित्यिक प्रवृत्तियों का वर्णन इस प्रकार है : (1) राजनीतिक परिस्थितियाँ राजनीतिक दृष्टि से भक्ति … Read more

सिरचन का चरित्र-चित्रण ( ठेस : फणिश्वरनाथ रेणु )

सिरचन फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित कहानी ‘ठेस’ का केंद्रीय पात्र है | संपूर्ण कथानक उसके चरित्र के चारों ओर घूमता है | कहानी का आरंभ भी सिरचन के चरित्र-चित्रण से होता है और अंत भी | उसे कहानी का नायक जा सकता है | सिरचन के चरित्र की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं : (1) … Read more

हिंदी कहानी का विकास ( संक्षिप्त )

भारत में कहानी लेखन की परंपरा बहुत पुरानी है | संस्कृत साहित्य कहानियों से भरा पड़ा है लेकिन आधुनिक हिंदी कहानी का आरंभिक बीसवीं सदी के साथ आरंभ होता है | प्रथम कहानी का प्रश्न हिंदी की प्रथम कहानी को लेकर विद्वानों में मतभेद है | कुछ विद्वान इंशा अल्लाह खां की कहानी रानी केतकी … Read more

हिंदी उपन्यास का विकास ( संक्षिप्त )

हिंदी में उपन्यास का लेखन 19वीं सदी में आरंभ हुआ | अंग्रेजी उपन्यासों से प्रभावित होकर पहले बांग्ला भाषा में उपन्यास लिखे गए | बाद में बांग्ला तथा अंग्रेजी के उपन्यासों से प्रभावित होकर हिंदी में उपन्यास लिखे जाने लगे | यह विवाद का विषय है कि हिंदी का प्रथम उपन्यास किसे माना जाए | … Read more

हिंदी नाटक का विकास ( संक्षिप्त )

भारत में नाटक लेखन की परंपरा बहुत पुरानी है | कालिदास द्वारा लिखित नाटक विश्व के श्रेष्ठ नाटकों में शामिल किये जाते हैं | कालिदास द्वारा रचित ‘अभिज्ञान शाकुंतलम्’ नाटक का अनुवाद विश्व की अनेक भाषाओं में हो चुका है | लेकिन हिंदी नाटक का इतिहास बहुत अधिक पुराना नहीं है | हिंदी नाटक का … Read more

कबीर की रहस्य-साधना ( रहस्यानुभूति )

साहित्य विशेषतः काव्य के क्षेत्र में रहस्यवाद का अर्थ आत्मा-परमात्मा के संबंधों की व्याख्या से लिया जाता है | जब कवि अपने आध्यात्मिक विचारों व अलौकिक शक्ति से अपने संबंध की चर्चा करता है, रहस्यवादी कहलाता है | रहस्यवाद का अर्थ व परिभाषा रहस्यवाद कोई दाशनिक सिद्धान्त नहीं है, वह एक मनोदशा मात्र है। इसको … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए पंचम सेमेस्टर – हिंदी )

(1) यह प्रश्न व्याख्या से सम्बंधित होगा जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्य-पुस्तक ‘समकालीन हिंदी कविता ‘ से चार पद्यांश व्याख्या के लिए दिए जाएंगे | परीक्षार्थी को किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी | यह प्रश्न 14 ( 7+7 ) अंक का होगा | (i) हमारा देश ( Hamara Desh ) : अज्ञेय … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए तृतीय सेमेस्टर – हिंदी )

(1) यह प्रश्न व्याख्या से सम्बंधित होगा जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्य-पुस्तक ‘आधुनिक हिंदी कविता’ से चार पद्यांश व्याख्या के लिए दिए जाएंगे | परीक्षार्थी को किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी | यह प्रश्न 12 ( 6+6 ) अंक का होगा | (i) पवनदूती / पवन दूतिका ( Pavandooti ) – प्रिय … Read more

ई-मेल ( E-mail ) : अर्थ, परिभाषा और प्रक्रिया

ई-मेल इलेक्ट्रॉनिक मेल का संक्षिप्त रूप है | इसमें नेटवर्क द्वारा एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर तक शीघ्र ही सूचना का संचार किया जाता है | इस प्रकार भेजी गई सूचना को दूसरे कंप्यूटर पर पढ़ा जा सकता है व उसको सुरक्षित रखा जा सकता है | आवश्यकता पड़ने पर उस सूचना का मुद्रण भी … Read more

कबीर की सामाजिक चेतना ( Kabir Ki Samajik Chetna )

कबीरदास जी भक्ति काल की निर्गुण भक्ति धारा के प्रमुख कवि माने जाते हैं | यद्यपि वे मुख्यतः संत हैं तथापि उनकी वाणी में काव्यत्व के सभी गुण मिलते हैं | उनकी काव्य में भक्ति परक पदों के साथ-साथ सामाजिक चेतना का का स्वर भी दिखाई देता है | जाति प्रथा, भेदभाव, छुआछूत, मूर्ति पूजा … Read more

महत्त्वपूर्ण प्रश्न ( बी ए प्रथम सेमेस्टर – हिंदी )

(1) यह प्रश्न व्याख्या से सम्बंधित होगा जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पाठ्य-पुस्तक ‘मध्यकालीन काव्य कुंज’ से चार पद्यांश व्याख्या के लिए दिए जाएंगे | परीक्षार्थी को किन्हीं दो की सप्रसंग व्याख्या करनी होगी | यह प्रश्न 12 ( 6+6 ) अंक का होगा | (i) कबीरदास के पदों की व्याख्या ( बी ए – … Read more