‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय

( ‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी है जो हिंदी साहित्य जगत में ‘रोज’ नाम से प्रसिद्ध है | ) दोपहर में उस सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा, मानोउस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य, किन्तु फिर भी … Read more

पुरस्कार ( जयशंकर प्रसाद )

( ‘पुरस्कार’ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित प्रसिद्ध कहानी है जिसमें प्रेम पर राष्ट्रप्रेम की महत्ता का प्रतिपादन किया गया है | ) आर्द्रा नक्षत्र, आकाश में काले-काले बादलों की घुमड़, जिसमें देव दुंदुभि का गंभीर घोष। प्राची के एक निरभ्र कोने से स्वर्ण-पुरुष झाँकने लगा था-देखने लगा महाराज की सवारी। शैलमाला के अंचल में समतल … Read more

हरियाणवी नाट्य साहित्य ( Haryanvi Natya Sahitya )

हरियाणवी नाट्य साहित्य हरियाणवी उपन्यास और कहानी साहित्य की भांति बहुत अधिक विस्तृत नहीं है | हरियाणवी भाषा में दृश्य नाटक तथा श्रव्य नाटक दोनों प्रकार के नाटक लिखे गए हैं परंतु हरियाणवी नाटकों की संख्या अधिक नहीं है | हरियाणवी भाषा में रचित केवल कुछ नाटक ही ऐसे हैं जो कतिपय विद्वानों द्वारा बताए … Read more

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी का मूल भाव

साहित्य की विभिन्न विधाओं में सामाजिक असमानता के विरुद्ध आवाज उठाई गई है परंतु यह तत्काल संभव नहीं हुआ | प्रारंभ में केवल उच्च घरानों से संबंधित विषय-वस्तु को ही साहित्य में स्थान दिया गया | तत्पश्चात निम्न वर्गीय कुछ पात्रों का समावेश हुआ परंतु वे पात्र कभी प्रमुख पात्र नहीं बन पाए | महाभारत … Read more

ईदगाह : मुंशी प्रेमचंद ( Idgah : Munshi Premchand )

रमजान के पूरे तीस रोजों के बाद आज ईद आई है | कितना मनोहर, कितना सुहावना प्रभात है | वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली है, खेतों में कुछ अजीब रौनक है, आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है |आज का सूर्य देखो, कितना प्यारा, कितना शीतल है, मानो संसार को ईद की बधाई दे रहा है … Read more

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी की तात्विक समीक्षा ( Pachchis Chauka Dedh Sau Kahani Ki Tatvik Samiksha )

‘पच्चीस चौका डेढ़ सौ’ कहानी ओमप्रकाश वाल्मीकि द्वारा रचित एक अति चर्चित कहानी है | प्रस्तुत कहानी में लेखक ने जाति-पाति और शोषण को मुख्य रूप से आधार बनाकर निर्धन लोगों के जीवन की त्रासदी को व्यक्त किया है | प्रस्तुत कहानी में दिखाया गया है कि किस प्रकार से सूदखोर पूंजीपति असहाय और अशिक्षित … Read more

‘फैसला’ कहानी का मूल भाव / उद्देश्य / सन्देश या प्रतिपाद्य

मैत्रेयी पुष्पा द्वारा रचित कहानी ‘फैसला’ पुरुष प्रधान समाज में नारी उत्पीड़न की समस्या पर लिखी गई कहानी है | प्रस्तुत कहानी में दर्शाया गया है कि नारी-उत्पीड़न की दास्तां इतनी प्राचीन हो गई है कि पुरुष प्रधान समाज ने उसे अपना अधिकार तथा नारी ने उसे अपनी नियति मान लिया है | ‘फैसला’ कहानी … Read more

‘फैसला’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘फैसला’ कहानी मैत्रेयी पुष्पा की एक बहुचर्चित कहानी है । प्रस्तुत कहानी में लेखिका ने स्त्री की चिर-बंदिनी छवि पर प्रकाश डालते हुए उसे तोड़ने का प्रयास किया है । ‘फैसला’ कहानी की तात्विक समीक्षा इस प्रकार की जा सकती है — (1) कथानक या कथावस्तुकथानक कहानी का मूल तत्त्व होता है । कथानक वास्तव … Read more

‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘ठेस’ फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा रचित एक बहुचर्चित कहानी है | इस कहानी में उन्होंने एक कलाकार पात्र की कोमल भावनाओं का मार्मिक चित्रण किया है | ‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा कथानक, पात्र, संवाद, देशकाल, भाषा और उद्देश्य तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है | ‘ठेस’ कहानी की तात्विक समीक्षा (1) कथानक … Read more

‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘मलबे का मालिक’ मोहन राकेश की एक प्रसिद्ध एवं अति चर्चित कहानी है | यह कहानी भारत-पाक विभाजन के परिणामस्वरूप उत्पन्न वैमनस्य का चित्रण करती है | ‘मलबे का मालिक’ कहानी की तात्विक समीक्षा कतिपय विद्वानों द्वारा निर्धारित छह तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है | ये छह तत्त्व निम्नलिखित हैं — (1) … Read more

गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा ( Gangrene Kahani Ki Tatvik Samiksha )

( यहाँ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित बी ए चतुर्थ सेमेस्टर की पाठ्य पुस्तक ‘कथाक्रम’ में संकलित गैंग्रीन कहानी की तात्विक समीक्षा प्रस्तुत की गई है |) ‘गैंग्रीन’ सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की एक सुप्रसिद्ध कहानी है | पहले यह कहानी अज्ञेय जी के कहानी संकलन ‘विपथगा’ में ‘रोज’ नाम से प्रकाशित हुई थी | सन … Read more

‘पुरस्कार’ कहानी की तात्विक समीक्षा

‘पुरस्कार‘ जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित एक प्रसिद्ध कहानी है | प्रस्तुत कहानी के माध्यम से प्रसाद जी ने अपनी अन्य कहानियों व नाट्य-कृतियों की भाँति राष्ट्रीय भावना का परिचय देते हुए मानव-प्रेम पर देश-प्रेम की की महत्ता प्रतिपादित की है | किसी भी कहानी की समीक्षा के लिए विद्वानों ने कुछ तत्त्व निर्धारित किए हैं … Read more

‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा

‘ईदगाह’ कहानी मुंशी प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी है | बाल मनोविज्ञान पर आधारित यह कहानी साहित्य समीक्षकों तथा सामान्य पाठकों द्वारा समान रूप से सराही गई है | ‘ईदगाह’ कहानी की समीक्षा निम्नलिखित तत्त्वों के आधार पर की जा सकती है — (1) कथानक या कथावस्तु (2) पात्र या चरित्र चित्रण (3) देशकाल व … Read more

पारिभाषिक शब्दावली : अर्थ, परिभाषा एवं स्वरूप

पारिभाषिक शब्द अंग्रेजी के ‘टेक्निकल’ शब्द का हिंदी अनुवाद है | ‘टेक्निकल’ शब्द ग्रीक भाषा के ‘टेक्निक्स’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ है – विशिष्ट कला का या विज्ञान का या कला के बारे में |इस आधार पर पारिभाषिक शब्द वे शब्द होते हैं, जो किसी विशिष्ट कला या विज्ञान की किसी शाखा से … Read more

हिंदी नाटक : उद्भव एवं विकास ( Hindi Natak : Udbhav Evam Vikas )

हिंदी में नाटक के उद्भव एवं विकास को 19वीं सदी से  स्वीकार किया जाता है लेकिन दशरथ ओझा ने नाटक को 13वीं सदी से स्वीकार करते हुए ‘गाय कुमार रास’ को हिंदी का पहला नाटक ( Hindi ka Pahla Natak ) माना है | उन्होंने मैथिली नाटकों, रासलीला तथा अन्य पद्यबद्ध नाटकों की चर्चा करते … Read more