अभिप्रेरणा ( Motivation )

          अभिप्रेरणा ( Abhiprerna )

◼️ अभिप्रेरणा का शिक्षण में महत्वपूर्ण स्थान है इसके महत्व को समझाते हुए कहा गया है – “अभिप्रेरणा शिक्षण का महापथ है | अभिप्रेरणा 50% शिक्षण है “

ऐसा कोई भी कार्य या वस्तु या लक्ष्य जो व्यक्ति को कार्य करने के लिए संचालित कर दे, अभिप्रेरणा कहलाता है | 

◼️ जब कोई भी व्यक्ति या बच्चा किसी वस्तु को देखकर या  सुनकर इस बात के लिए उद्वेलित हो जाता है कि अमुक वस्तु, व्यक्ति,  स्थिति, स्थान क्या है या मुझे इसे देखना है, पाना है या जानना है ; तो यह अभिप्रेरणा ( Abhiprerna )  की स्थिति है | 
 
◼️ ऐसी स्थिति में शिक्षक का कर्तव्य है कि वह अपनी क्रियाओं का संचालन इस प्रकार से करे कि बच्चे को लगे कि यदि उसने इन क्रियाओं को अच्छी प्रकार से समझा और शिक्षक के कहे अनुसार आचरण किया तो यह उसके लिए लाभदायक होगा | यदि उसने नहीं सुना या शिक्षक के कहे अनुसार व्यवहार नहीं किया तो उसे नुकसान होगा | 
 
◼️ मनुष्य एक क्रियाशील प्राणी है | क्रियाशीलता उसकी प्रकृति है | उसके सभी प्रकार के व्यवहार को कुछ ‘प्रेरक शक्तियां’  संचालित करती हैं | 

  अभिप्रेरणा का अर्थ ( Meaning of Motivation )

 अभिप्रेरणा को अंग्रेजी भाषा में मोटिवेशन ( Motivation ) कहते हैं | ‘मोटिवेशन’ ( Motivation )  शब्द की व्युत्पत्ति लैटिन भाषा के ‘मूवीयर’ ( Movere ) से हुई है, जिसका अर्थ है – सक्रिय रहना या गतिशील करना | 
 
▪️ अभिप्रेरणा वह शक्ति है जिसके परिणाम स्वरूप कोई व्यक्ति गतिशील होता है और अपने लक्ष्य को पाने के लिए अधिक उत्साह से प्रयत्नशील हो जाता है | 
 
▪️ शाब्दिक अर्थ के अनुसार प्रेरणा का तात्पर्य  किसी ऐसी उत्तेजना से है जिसके कारण कोई व्यक्ति व्यवहार या प्रतिक्रिया करता है |
▪️ उत्तेजना आंतरिक व बाह्य दोनों प्रकार की हो सकती है परंतु अभिप्रेरणा एक आंतरिक शक्ति है |
 उदाहरण के लिए ‘भूख’ एक आंतरिक उत्तेजना है, जिसके परिणामस्वरूप हम खाना खाने के लिए प्रेरित होते हैं परंतु खाने की थाली या खाद्य वस्तु एक बाह्य उत्तेजना है, जिसे देखकर आवश्यक नहीं कि कोई व्यक्ति खाना खाने के लिए उत्तेजित हो |
 

▪️ अत: अभिप्रेरणा का तात्पर्य  उस आंतरिक उत्तेजना से है जो व्यक्ति या प्राणी को कोई क्रिया या व्यवहार करने के लिए प्रेरित करती है |

         मैस्लो का अभिप्रेरणा सिद्धांत 

  ( Maslow’s Motivation Theory )

 
 मैस्लो ( Maslo ) ने सुझाव दिया कि प्राणी अपनी आवश्यकताओं को एक निश्चित क्रम में संतुष्ट करते हैं और व्यक्ति में कोई आवश्यकता तब तक बनी रहती है जब तक वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाती | इसके बाद वह अगली आवश्यकता को संतुष्ट करता है |
 अत: स्पष्ट है कि व्यक्तियों की अभिप्रेरणा उसकी आवश्यकताओं से उत्पन्न होती है |
 मेस्लो ( Meslo ) ने सात  मूल आवश्यकताओं की परिकल्पना की है :-
1. शारीरिक आवश्यकताएं – भूख, प्यास, नींद आदि |
2. सुरक्षा की आवश्यकता – खतरों से बचाव, पारिवारिक स्थायित्व |
3. प्रेम व अपनापन – परिवार,  मित्र व समकक्ष समूह  से प्रेम|
4. आत्मसम्मान – दक्षता, पारंगतता, पर्याप्तता |
5. आत्मसिद्धि – व्यक्तिगत लक्ष्यों की पूर्ति |
6. अभिज्ञान – कुछ जानने की इच्छा |
7. सौंदर्यपरकता  या कलापरकता – साहित्य, संगीत, चित्रकला आदि |
 इनमें से प्रथम तीन आवश्यकताएं ‘अभाव की आवश्यकताएं’ हैं जबकि अंतिम चार अवस्थाएं ‘स्वभाव की आवश्यकताएं’ हैं | 

  अभिप्रेरणा के प्रकार ( Types Of Motivation )

 अभिप्रेरणा के दो प्रकार हैं :- 

1️⃣ सकारात्मक अभिप्रेरणा ( Positive Motivation 

-इस प्रकार की प्रेरणा के परिणाम स्वरूप बालक स्वयं अपनी इच्छा से किसी कार्य को करता है क्योंकि इसमें उसे प्रसन्नता,  सुख व संतोष मिलता है | इस प्रेरणा को ‘आंतरिक प्रेरणा’ भी  कहते हैं |

2️⃣ नकारात्मक अभिप्रेरणा (Negative Motivation 

 
इसे बाह्य  प्रेरणा भी कहते हैं | इस प्रेरणा में बालक अपनी स्वयं की इच्छा से कार्य न करके किसी दूसरे की इच्छा या बाह्य प्रभाव के कारण करता है | इस कार्य को करने से उसे किसी वांछनीय या निश्चित लक्ष्य की प्राप्ति होती है |
🔹 शिक्षक प्रशंसा, पुरस्कार निंदा आदि का प्रयोग करके बालकों को नकारात्मक ( बाह्य )  प्रेरणा प्रदान करता है |

   अभिप्रेरणा की विशेषताएं ( Abhiprerna ki Visheshtayen )

( Characteristics of Motivation ) 

 
👉 अभिप्रेरणा में व्यवहार लक्ष्य निर्देशित होता है | 
👉 अभिप्रेरित व्यवहार अधिक प्रबल होता है |
👉 अभिप्रेरित व्यवहार चयनात्मक होता है |
👉 अभिप्रेरित व्यवहार अर्जित व जागृत होता है |
👉 अभिप्रेरित व्यवहार में निरंतरता होती है |

  अभिप्रेरणा की विधियां/ उपाय 

( Methods of Motivation )

▪️ बच्चों की आवश्यकता से जोड़कर 
▪️ बच्चों की रुचि ओं से जोड़कर या रुचि पैदा करके 
▪️ प्रशंसा द्वारा
▪️ सफलता
▪️ प्रतिद्वंद्विता द्वारा 
▪️ समूह कार्य द्वारा
▪️ उचित वातावरण प्रदान करके
▪️ शिक्षक के व्यवहार द्वारा
 

 शिक्षा में अभिप्रेरणा का महत्व ( Importance of Motivation In Education )

👉 रुचि का विकास
👉 व्यवहार में परिवर्तन
👉 मानसिक विकास में सहायक
👉 लक्ष्य-प्राप्ति में सहायक
👉 अनुशासन स्थापित करने में सहायक 
👉 ध्यान केंद्रित करने में सहायक
👉 चरित्र-निर्माण में सहायक 
👉 छात्रों को तत्पर बनाने में सहायक

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