विश्व के जलवायु प्रदेश

विश्व के जलवायु प्रदेश

विश्व के जलवायु प्रदेश विभिन्न स्थानों पर जलवायु की समानता के आधार पर पृथ्वी तल के प्रमुख विभाग हैं | पृथ्वी पर चार वृहद जलवायु प्रदेश हैं जिन्हें कटिबंध भी कहा जाता है |

सामान्य रूप से संसार की जलवायु को 12 प्रमुख जलवायु प्रदेशों में विभक्त किया जा सकता है जिनका वर्णन निम्नलिखित है —

(1) भूमध्य रेखीय जलवायु (Af जलवायु प्रदेश)

यह जलवायु प्रदेश विषुवतरेखा (0° अक्षांश) से 10° उत्तर एवं दक्षिणी
अक्षांशों में विस्तृत है। इस पेटी में वर्ष भर समान उच्च तापक्रम और उच्च वर्षा पायी जाती है। इसमें औसत वार्षिक तापमान 27°C होता है, जबकि वर्षा की मात्रा 200 सेमी. से अधिक होती है। यहाँ वर्षा मूसलाधार एवं संवहनीय प्रकार की होती है।

वर्ष के प्रत्येक माह में दोपहर के बाद गरज और बौछारों के साथ प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है। इस क्षेत्र में शीत ऋतु नहीं होती है।

यह जलवायु प्रदेशों द. अमेरिका की अमेजिन बेसिन, अफ्रीका की कांगो बेसिन, गिनीतट, पूर्वी द्वीप समूह तथा फिलीपीन्स में पायी जाती है।

इस जलवायु में व्यापक जैव-विविधता वाले उष्ण कटिबंधीय सदाहरित वन पाये जाते हैं, जैसे- महोगनी, चन्दन, गटापर्ची, रबर, एबोनी, सिनकोना इत्यादि।

(2) मानसूनी प्रदेश (Am जलवायु प्रदेश)

इस जलवायु प्रदेश का विस्तार भूमध्य रेखा पर पाया जाता है। मानसून प्रकार की विशिष्ट जलवायु की उत्पत्ति होती है, जिसमें 6 महीने
हवाएँ सागर से स्थल की ओर तथा 6 महीने हवाएँ स्थल से जल (सागर) की ओर चलती हैं।

इस जलवायु प्रदेश में ग्रीष्म, शीत एवं वर्षा ऋतुएं स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती हैं। इस प्रदेश में तापमान ग्रीष्म ऋतु में 27°C से अधिक (35°C से 40°C तक) चला जाता है, तो जाड़े में 10°C से नीचे तक चला जाता है।

वार्षिक तापांतर लगभग 15°C तक मिलता है एवं वर्षा 40 से 200 सेमी. तक होती है

इस प्रकार के जलवायु प्रदेश में वर्षा की मात्रा में विभिन्नता के कारण वनस्पतियाँ भी भिन्न प्रकार की होती हैं।

इस जलवायु प्रदेश का विस्तार भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, थाइलैंड, कम्बोडिया, लाओस, उ, एवं द. वियतनाम, अफ्रीका का पूर्वी तटीय भाग, सं. रा. अमेरिका का द. पू. तटीय भाग, पूर्वी द्वीप तथा आस्ट्रेलिया के उत्तरी भाग में पाया जाता है।

(3) सवाना तुल्य जलवायु प्रदेश (Aw जलवायु)

इस जलवायु प्रदेश में विषुवत रेखीय जलवायु प्रदेश की अपेक्षा वार्षिक
वर्षा कम होती है, इसलिए घास के बड़े-बड़े क्षेत्र मिलते है।

इन्हें अफ्रीका में सवाना कहते हैं। इसी आधार पर इस जलवायु प्रदेश को ‘सवाना तुल्य जलवायु प्रदेश’ या ‘सूडान तुल्य जलवायु प्रदेश’ कहा जाता है।

इस जलवायु प्रदेश का विस्तार भूमध्य रेखा के दोनों ओर 10° से 30° अक्षांश तक पाया जाता है। इसमें तापमान 20° से.ग्रे. से लेकर 30° सें.ग्रे. तक पाया जाता है। वर्षा एवं शीत ऋतु में यहाँ तापमान कम पाया जाता है।

इस जलवायु प्रदेश में वर्षा की मात्रा 25 से 100 सेमी. तक पायी जाती है। वार्षिक वर्षा में पर्याप्त विषमता होती है। सवाना जलवायु में मोटी सवाना घासों के बीच-बीच में कहीं-कहीं छोटे वृक्ष भी पाये जाते हैं।

यह जलवायु द. अमेरिका में वेनेजुएला, कोलम्बिया, गयना, दक्षिणी मध्य ब्राजील, पराग्वे, अफ्रीका में विषुवत रेखीय जलवायु के उत्तर एवं दक्षिण (सूडान में सर्वाधिक विस्तृत) एवं उत्तरीय आस्ट्रेलिया इत्यादि प्रदेशों में मिलता है।

(4) उष्ण कटिबंधीय शुष्क रेगिस्तान या सहारा प्रकार की जलवायु (BWh जलवायु प्रदेश)

यह जलवायु प्रदेश 15° से 30° अक्षांशों के बीच दोनों गोलार्द्धों में महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में विस्तृत है।

इन भागों में ग्रीष्म का औसत तापक्रम 300-35° से.ग्रे. के बीच रहता है एवं दोपहर के समय तापक्रम 40° से.ग्रे. से 48° से.ग्रे. तक पहुँच जाता है। यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 10 इंच या 25 सेमी. तक होती है।

इस प्रदेश में अधिक तापमान एवं कम वर्षा के कारण वर्ष भर शुष्कता बने रहना इसकी प्रमुख विशेषता है। इन प्रदेशों में कहीं-कहीं कंटीली झाड़ियाँ, बबूल, कैक्टस इत्यादि वनस्पतियाँ पायी जाती हैं।

इस जलवायु के अंतर्गत एशिया के थार, सिंधु, दक्षिणी बलोचिस्तान, अरब प्रायद्वीप, अफ्रीका के सहारा तथा कालाहारी, उत्तरी अमेरिका के पश्चिमी मरुस्थलीय भाग, दक्षिणी अमेरिका के अटाकामा तथा आस्ट्रेलिया के पश्चिमी मरुस्थल को सम्मिलित किया जाता है।

अफ्रीका एवं दक्षिण पश्चिम एशिया में इस जलवायु का सर्वाधिक
विस्तार है।

(5) भूमध्य सागरीय (सम सागरीय) जलवायु प्रदेश (CS जलवायु प्रदेश)

भूमध्य सागर के आसपास विस्तृत होने के कारण इसका नामकरण भूमध्य सागरीय जलवायु प्रदेश किया गया है।

यह जलवायु प्रदेश भूमध्य रेखा के दोनों ओर 30°-45° अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में पाया जाता है। इस जलवायु प्रदेश में शीतकालीन औसत तापमान 5°-15° से.ग्रे. तक एवं ग्रीष्मकालीन औसत तापमान 20-26° से.ग्रे. तक पहुँच जाता है।

यहाँ औसत वार्षिक वर्षा 40 से 80 सेमी. के बीच होती है। यह जलवायु प्रदेश स्वास्थ्यवर्धक एवं आनन्ददायक शीतकाल के लिए अधिक प्रसिद्ध है।

यह प्रदेश नींबू, सन्तरा, जैतून, अंजीर, खुबानी इत्यादि रसीले फलों, ओक, बालनट, चेस्टनट, साइप्रस, सिडार आदि वृक्षों के लिए प्रसिद्ध है।

इस जलवायु के अंतर्गत भूमध्य सागर के किनारे फैले यूरोप के देश जैसे- फ्रांस, द. इटली, यूनान, पश्चिमी टर्की, सीरिया, इजराइल, उत्तर पूर्वी अफ्रीका का अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका का दक्षिण पश्चिम भाग, सयुक्त राज्य अमेरिका के कैलीफोर्निया, द. अमेरिका के चिली, दक्षिण आस्ट्रेलिया के भाग इत्यादि प्रदेश आते हैं।

(6) चीन तुल्य जलवायु प्रदेश/आई उपोष्ण जलवायु प्रदेश (Ca
जलवायु प्रदेश)

यह जलवायु प्रदेश विषुवत रेखा के दोनों ओर 30° से 45° अक्षांशों के बीच महाद्वीपों के पूर्वी भागों में पाया जाता है।

इस जलवायु प्रदेश में वर्षा वर्ष भर होती है, लेकिन वर्षा गर्मी में सर्वाधिक होती है। चीन तुल्य जलवायु प्रदेशों के तटीय भागों से होकर गर्म सागरीय धाराएँ चलती हैं, जिस कारण समीपवर्ती भागों के तापक्रम पर उनका प्रभाव स्पष्ट दिखायी देता है।

ग्रीष्मकाल का औसत तापक्रम 24° से 26.6° से.ग्रे. के बीच होता है | शीतकाल साधारण सर्दीवाला होता है एवं तापक्रम 6.6° से.ग्रे. से 10° से.ग्रे. तक होता है। इस जलवायु प्रदेश में वर्षा की मात्रा 75 से 150 सेमी. तक पायी जाती है।

ग्रीष्मकाल में चीन एवं जापान में ‘टाइफून’ एवं दक्षिण पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका में ‘हरिकेन’ से भी वर्षा होती है। इस जलवायु प्रदेश में साइप्रस एश, चेस्टनट, रेंडगम, ओक, चेस्टर, पाइन इत्यादि मिश्रित वन पाये जाते हैं।

यह जलवायु प्रदेश दक्षिण तथा दक्षिण चीन, डेन्यूब बेसिन, दक्षिण पूर्वी संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण पूर्व ब्राजील, यूरुग्वे, दक्षिण अफ्रीका का दक्षिण पूर्वी भाग, दक्षिण पूर्व आस्ट्रेलिया इत्यादि क्षेत्रों में विस्तृत है।

(7) पश्चिमी यूरोप तुल्य जलवायु प्रदेश (Cb जलवायु प्रदेश)

इस जलवायु प्रदेश का विस्तार दोनों गोलार्द्धों में 45° से 60° अक्षांशों के बीच महाद्वीपों के पश्चिम भागों में है। इस जलवायु प्रदेश की प्रमुख विशेषता समुद्र से स्थल की ओर प्रचलित पछुआ पवन प्रवाह है।

यहाँ ग्रीष्म में औसत तापमान 18°C तथा शीतकाल में औसत तापमान 3° से 7° होता है, जो समयानुसार बदलता रहता है। यहाँ वर्षा की औसत मात्रा लगभग 140 सेमी. तक होती है।

शीत ऋतु में वर्षा ग्रीष्म की अपेक्षा अधिक होती है। वर्ष भर वर्षा के कारण यहाँ घने वन मिलते हैं। प. यूरोप के मैदानी भागों में ओक, लिण्डेन, बर्च एवं वन पाये जाते हैं।

कनाडा के ब्रिटिश कोलम्बिया में कोणधारी वन मिलते हैं। इन वनों का आर्थिक महत्व अधिक होता है।

यह जलवायु प्रदेश उत्तर-पश्चिम यूरोप से ब्रिटिश द्वीप समूह, पश्चिम नार्वे, डेनमार्क, उत्तर पूर्वी जर्मनी तथा पश्चिम फ्रांस, कनाडा के ब्रिटिश कोलम्बिया, सयुक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन एवं ओरोगन प्रान्त, चिली, न्यूजीलैंड एवं तस्मानिया इत्यादि क्षेत्रों में विस्तृत है।

(8) स्टैप्स तुल्य प्रदेश (Bsh)

स्टैप्स तुल्य जलवायु के प्रदेश उत्तरी व दक्षिणी गोलार्द्धों में 45° से 60° अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के मध्यवर्ती भागों में पाये जाते हैं।

इन प्रदेशों का विस्तार यूरेशिया में हंगरी का मैदान, पोलैण्ड, रोमानिया, पश्चिमी यूक्रेन में चरनोजम (काली) मिट्टी का क्षेत्र, स्टैप्स व साइबेरिया के दक्षिणी-पश्चिमी मैदान में है।

गर्मियों में वर्षा संवहनीय एवं जाड़े में चक्रवातीय प्रकार की
होती है।

(9) सेंट लॉरेंस तुल्य जलवायु प्रदेश (Db जलवायु प्रदेश)

उत्तरी अमेरिका में सेन्ट लॉरेन्स नदी के बेसिन में स्थित होने के कारण इस जलवायु प्रदेश को ‘सेन्ट लारेन्स जलवायु’ प्रदेश कहा जाता है।

यह जलवायु आर्द्र महाद्वीपीय प्रकार की है, जो मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्द्ध में 40° से 60° अक्षांशों के मध्य महाद्वीपों के पूर्वी किनारे पर पायी जाती है।

इस जलवायु प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में औसत तापक्रम 21°C के लगभग रहता है, जबकि शीतकाल में तापक्रम हिमांक से नीचे गिर जाते हैं, जिससे मौसम कठोर हो जाता है। औसत वार्षिक वर्षा 75 से 100 सेमी. होती है।

वर्षा का अधिकांश भाग हिमपात के रूप में होता है। यहाँ वनस्पति तटीय भागों में कोणधारी वन तथा आन्तरिक आर्द्र भागों में प्रेयरी घास के मैदान पाये जाते हैं।

कनाडा एवं सं.रा. अमेरिका में इन वनों को काटकर लकड़ी, लुगदी एवं कागज उद्योग का विकास बड़े पैमान पर किया गया है।

इस जलवायु प्रदेश के अंतर्गत कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू इंग्लैंड प्रदेश, एशिया में मंचूरिया (चीन), कोरिया तथा उत्तरी जापान एवं दक्षिणी अमेरिका में अर्जेंटीना के दक्षिण भाग इत्यादि क्षेत्र आते हैं।

इन प्रदेशों में ग्रीष्मकाल छोटा व गर्म तथा शीतकाल लंबा व ठंडा होता है। ग्रीष्मकाल का औसत तापमान 17° से. से 20° से. तक और शीतकाल का औसत तापमान हिमांक बिन्दु अर्थात शून्य के आस-पास रहता है।

कुछ भागों में हिमपात भी हो जाता है। वर्षा का वार्षिक औसत 15 से 25 सेमी. तक रहता है। तापमान में अत्यधिक विषमता पाई जाती है।

गर्मी में 26°C तक तापमान मिलता है तथा जाड़े में हिमांक से भी नीचे आ जाता है। औसत वार्षिक वर्षा 40 से.मी. से 70 से.मी. तक पायी जाती है।

(10) टैगा प्रदेश (Pc जलवायु प्रदेश )

टैगा जलवायु के प्रदेश उत्तरी गोलार्द्ध में 50 से 65° अक्षांशों के मध्य पाए जाते हैं। इन प्रदेशों का विस्तार उत्तरी अमेरिका में मध्य कनाडा, यूरोप में स्वीडन, दक्षिण फिनलैंड, पोलैंड तथा पश्चिमी रूस व साइबेरिया है।

यह जलवायु अत्यधिक ठंडी व विषम है। शीतकाल बहुत लंबा व कठोर होता है। शीतकाल में तापमान सदैव हिमांक (0° से.) से नीचे रहता है।

कभी-कभी न्यूनतम तापमान ( – ) 65° से. तक पहुँच जाता है। ग्रीष्मकाल साधारण गर्म होता है और तापमान 10° से. तक पाया जाता है। वर्षा ग्रीष्मकाल के प्रारम्भ में 50 सेमी. तक हो पाती है।

(11) टुंड्रा प्रदेश (ET जलवायु प्रदेश )

टुंड्रा जलवायु के प्रदेश उत्तरी गोलार्द्ध में 66° उत्तरी अक्षांश के उत्तर में पाए जाते हैं। इन प्रदेशों का विस्तार यूरोप में नार्वे, फिनलैंड तथा रूस का उत्तरी भाग, एशिया में साइबेरिया का उत्तरी भाग, उत्तरी अमेरिका में उत्तरी कनाडा व अलास्का में है।

इन प्रदेशों की जलवायु अत्यधिक ठंडी होती है। यहाँ शीतकाल अति लंबा व कठोर होता है। शीतकाल 8 से 10 माह का होता है।

इस काल में तापमान (-) 50° से.ग्रे. तक पहुँच जाता है और ठंडी व बर्फीली हवाएँ चलती हैं। ग्रीष्मकाल का औसत तापमान 5° से. ग्रे. रहता है। वर्षा इन प्रदेशों में अति अल्प तथा ग्रीष्म काल में होती है।

यह भी देखें

महासागरीय धाराएं : उत्पत्ति के कारक व प्रकार

समुद्री संसाधन और प्रवाल भित्तियां

मृदा का वर्गीकरण और मृदा अपरदन

पारिस्थितिक तंत्र : अर्थ, विशेषताएं, संरचना तथा प्रकार

पर्यावरण संरक्षण के अंतरराष्ट्रीय / वैश्विक प्रयास

मानव प्रजातियाँ

विश्व की प्रमुख जनजातियाँ

विश्व के प्रमुख जल मार्ग व रेल मार्ग

एशिया महाद्वीप ( Asia Continent )

दक्षिण अमेरिका ( South America )

यूरोप महाद्वीप ( Europe )

वायुमंडल : संघटन तथा परतें

वायुमंडलीय दाब : अर्थ एवं प्रकार

पवन : अर्थ, उत्पत्ति के कारण व प्रकार