प्रयास एवं भूल सिद्धांत ( Thorndike’s Trial and Error Theory )

          प्रयास एवं भूल सिद्धांत      ( Prayas Evam Bhul Siddhant/ Vidhi  ) इस सिद्धांत का प्रतिपादन थार्नडाइक ( Thorndike ) ने किया। उसके अनुसार मानव व जानवरों की सीखने की प्रक्रिया बहुत सीमा तक प्रयासों एवं भूलों पर निर्भर करती है। अपने इस सिद्धांत के पक्ष में उसने जानवरों … Read more

अधिगम : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं और कारक( Learning : Meaning, Definition, characteristics and Factors )

          अधिगम ( Learning )  मानव जन्म से लेकर मृत्यु तक कुछ न कुछ सीखता रहता है| सीखना या अधिगम बच्चे के विकास को प्रभावित करता है। मानव का विकास अधिगम के द्वारा होता है।               अधिगम का अर्थ एवं परिभाषा ( Meaning and Definition … Read more

बुद्धि : अर्थ एवं प्रकार ( Intelligence : Meaning and Types )

           बुद्धि : अर्थ एवं प्रकार बुद्धि किसी व्यक्ति के द्वारा उद्देश्य पूर्ण ढंग से कार्य करने, तार्किक चिंतन करने तथा वातावरण के साथ समायोजन करने की सामूहिक क्रिया है |              बुद्धि के प्रकार         ( Types of Intelligence )   1. … Read more

वाक्य : अर्थ, परिभाषा एवं वर्गीकरण ( Vakya : Arth, Paribhasha Evam Vargikaran )

    ⚫️ वाक्य : अर्थ,  परिभाषा एवं वर्गीकरण ⚫️(Vakya : Arth, Paribhasha Evam Vargikaran)                  🔷 वाक्य का अर्थ 🔷                 ( Vakya Ka Arth ) भाषा का प्रमुख लक्ष्य विचारों का संप्रेषण है | इस दृष्टि से वाक्य का विशेष … Read more

प्रगतिवाद : अर्थ, आरम्भ, प्रमुख कवि व प्रवृतियां ( Pragativad : Arth, Aarambh, Pramukh Kavi V Pravritiyan )

प्रगतिवाद ( Pragativad )   हिंदी साहित्य के इतिहास को मुख्यत: तीन भागों में बांटा जा सकता है आदिकाल,  मध्यकाल और आधुनिक काल | आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से संवत 1375 तक मानी जाती है | मध्य काल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता … Read more

नगर, व्यापारी और शिल्पीजन ( कक्षा-7 ) ( Towns, Traders And Craftspersons )

        ⚫️  नगर,  व्यापारी और शिल्पीजन ⚫️        ( Towns, Traders And Craftspersons ) ◼️ चोरों की राजधानी तंजावर (तमिलनाडु ) थी | तंजावर का बृहदेश्वर मंदिर विश्व विख्यात है जिसका निर्माण चोल राजा राजराज प्रथम ने करवाया था |🔹कावेरी नदी तंजावर के पास बहती है | इस नगर के … Read more

शासक और इमारतें ( कक्षा-7) ( Rulers And Buildings )

              ⚫️  शासक और इमारतें ⚫️              ( Rulers And Buildings )   ◼️ कुतुब मीनार ( Kutub Minar ) दिल्ली में स्थित है | इसका निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ( Kutubddin Ebak ) ने आरंभ किया था | यह 5 मंजिली इमारत है | इसकी … Read more

हिंदी-साहित्य के आधुनिक काल की परिस्थितियां ( Hindi Sahitya Ke Adhunik Kal Ki Paristhitiyon )

 हिंदी साहित्य के आधुनिक काल की परिस्थितियां ( Hindi Sahitya :Adhunik Kaal Ki Paristhitiyan ) हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है – आदिकाल,  मध्यकाल व आधुनिक काल | आदिकाल की समय सीमा संवत 1050 से संवत 1375 तक मानी जाती है | मध्यकाल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल ( … Read more

दिल्ली के सुल्तान ( कक्षा-7 ) ( The Delhi Sultans )

                    ⚫️ दिल्ली के सुल्तान ⚫️                   ( The Delhi Sultans ) 🔷  राजपूत वंश 🔷                  ( Rajput Vansh ) 👉 तोमर वंश- 12वीं सदी के आरंभ  से 1165 ईo( अनंगपाल … Read more

हजार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल ( कक्षा-7 )( Tracing Changes Through A Thousand Years )

      हजार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल  ( Tracing Changes Through A Thousand Years ) ◼️अल-इद्रीसी ( Al Idrisi )  एक अरब भूगोलवेता  थे उन्होंने 1154 ईस्वी में एक नक्शा बनाया जो भारतीय महाद्वीप को दर्शाता है परंतु इसमें दक्षिण भारत उस जगह है जहां आज हम उत्तर भारत देखते हैं | … Read more

रीतिकाल : परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Reetikal : Parampara Evam Pravritiyan )

             रीतिकाल : परंपरा एवं प्रवृतियां     ( Reetikal : Parampara Evam Pravrityan )   हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है – आदिकाल,  मध्यकाल व आधुनिक काल | मध्यकाल के पूर्ववर्ती भाग को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल ( Reetikal ) के नाम … Read more

रीतिसिद्ध काव्य : परंपरा एवं प्रवृत्तियां ( Reetisiddh kavya: Parampara Evam Pravritiya )

              रीतिसिद्ध काव्य परंपरा    हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बाँटा जा सकता है – आदिकाल, मध्यकाल व आधुनिक काल | मध्यकाल के पूर्ववर्ती काल को भक्तिकाल तथा उत्तरवर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है |  रीतिकाल की समय-सीमा संवत 1700 से संवत … Read more

रीतिमुक्त काव्य : परंपरा व प्रवृत्तियां ( Reetimukt Kavya: Parampara Evam Pravrittiya )

हिंदी साहित्य के इतिहास को तीन भागों में बांटा जा सकता है अधिकार मध्यकाल और आधुनिक काल | मध्य काल के उत्तर भर्ती काल को रीतिकाल के नाम से जाना जाता है | हिंदी साहित्य में संवत 1700 से संवत 1900  तक का काल रीतिकाल है जिसमें तीन प्रकार का साहित्य मिलता है – रीतिबद्ध … Read more

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