पद सोपान की अवधारणा : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं व गुण-दोष

पद सोपान की अवधारणा को जानने के लिए इसके अर्थ तथा परिभाषा को जानना आवश्यक होगा |

पद सोपान की अवधारणा

पद सोपान का अर्थ ( Pad Sopan Ka Arth )

‘पद सोपान’ का शाब्दिक अर्थ है – श्रेणीबद्ध प्रशासन | अंग्रेजी में इसे ‘Hierarchy’ कहते हैं जिसका अर्थ होता है – निम्नतर पर उच्चतर का शासन | इस अर्थ में प्रत्येक उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी को आदेश देता है | अधीनस्थ अधिकारी उन आदेशों का पालन करते हैं | अतः पद सोपान का अर्थ है – क्रमिक संगठन जिसमें निम्न स्तरीय व्यक्ति उच्च स्तरीय व्यक्ति के प्रति उत्तरदायी होता है |

पद सोपान की परिभाषाएं ( Pad Sopan Ki Paribhashaen )

पद सोपान की कुछ प्रमुख परिभाषाएं निम्नलिखित हैं —

(1) एo लाथम के अनुसार — “पद सोपान निम्न तथा उच्च व्यक्तियों का श्रेणीबद्ध रूप में एक व्यवस्थित संगठन है |”

(2) एडम लासन के अनुसार — “पद सोपान संगठन की क्रमिक प्रक्रिया है जिसमें प्रत्येक उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारी को किसी निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए आदेश देता है |”

पद सोपान के अर्थ और परिभाषा को जानने के पश्चात हम कह सकते हैं कि पद सोपान संगठन की एक ऐसी रचना है जिसमें सभी पदाधिकारियों का कर्तव्य निर्धारित कर दिया जाता है और जिसमें आज्ञाओं का सूत्र ऊपर से नीचे की ओर तथा उत्तरदायित्व का सूत्र नीचे से ऊपर की ओर चलता है |

पद सोपान की प्रक्रिया को पुलिस विभाग के इस उदाहरण के माध्यम से समझा जा सकता है |

D. G. P.

⬇️

I. G.

⬇️

D. I. G.

⬇️

S. P.

⬇️

Inspector

⬇️

Sub Inspector

⬇️

Assistant Sub Inspector

⬇️

Head Constable

⬇️

Constable

उपर्युक्त उदाहरण के अनुसार पुलिस विभाग के शीर्ष पर D. I. G. का पद होता है | अतः वह संगठन का सबसे शक्तिशाली अधिकारी है, उससे कम शक्तिशाली I. G. है और सबसे कम शक्तिशाली अधिकारी Constable है |

पद सोपान की विशेषताएं ( Pad Sopan Ki Visheshtaen )

पद सोपान में निम्नलिखित चार विशेषताएं मिलती हैं —

(1) नेतृत्त्व

पद सोपान में संगठन का आकार पिरामिड की तरह होता है जिसमें शीर्षस्थ अधिकारी संपूर्ण संगठन का नेतृत्व करता है | वह अपने अधीनस्थ अधिकारियों को आवश्यक निर्देश तथा आदेश देता है | वह अपने अधीन कर्मचारियों पर नियंत्रण रखता है |

(2) सत्ता का प्रत्यायोजन

पद सोपान सिद्धांत में उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों को अपनी कुछ शक्तियां हस्तांतरित कर देता है जिससे संगठन की विभिन्न इकाइयाँ एक दूसरे से गुंथी रहती हैं |

(3) कार्य विशेषीकरण

पद सोपान प्रक्रिया में उच्च अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों को उनके पद के अनुसार विशिष्ट कार्य सौंप देता है | इससे उत्तरदायित्व का स्पष्ट निर्धारण हो जाता है |

(4) आदेश की एकता

पद सोपान प्रक्रिया में आदेश की एकता का नियम होता है | आदेश शिखर पर स्थित उच्च अधिकारी द्वारा दिए जाते हैं | प्रत्येक अधिकारी अपने से उच्च अधिकारी से आदेश लेता है और उसकी आज्ञा का पालन करता है | इससे संगठन का कार्य सुचारू रूप से चलता है |

पद सोपान प्रणाली के गुण / उपयोगिता ( Pad Sopan Ke Gun / Upyogita )

पद-सोपान की प्रक्रिया में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं –

(1) उत्तरदायित्व निश्चित करना

पद सोपान की पद्धति के द्वारा संगठन के सभी कर्मचारियों का उत्तरदायित्व निश्चित कर दिया जाता है | ऐसा करने से प्रशासन में कार्य कुशलता की वृद्धि होती है | सभी को अपने कर्तव्यों का पता होता है और किसी प्रकार की कोई भ्रांति नहीं रहती |

(2) सत्ता का प्रत्याधिकरण

पद सोपान प्रक्रिया में सत्ता का प्रत्याधिकरण होता है | प्रत्येक कर्मचारी को निर्णय करने के लिए कुछ शक्तियाँ व सत्ता प्राप्त होती है | इससे प्रत्येक कर्मचारी के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है | फलस्वरूप संगठन की कार्यकुशलता बढ़ती है |

(3) उचित मार्ग की पद्धति

पद सोपान की प्रक्रिया उचित मार्ग की पद्धति है | इसमें सभी कार्य उचित मार्ग से संपन्न होते हैं | इसमें कोई भी अधिकारी किसी दूसरे के कार्य क्षेत्र का अतिक्रमण नहीं करता | इससे समन्वय बना रहता है |

(4) नेतृत्त्व का स्पष्ट आभास

पद सोपान की प्रक्रिया में नेतृत्व का स्पष्ट आभास मिलता है | इसमें संगठन को विभिन्न स्तरों में बांट कर यह निर्धारित कर दिया जाता है कि कौन किसका नेतृत्व करेगा | इससे प्रत्येक कर्मचारी को अपने उच्च अधिकारी का ज्ञान रहता है |

(5) आदेश के सूत्र सुगमतापूर्वक प्रवाहित होते हैं

पद सोपान की प्रक्रिया में आदेश के सूत्र सुगमतापूर्वक प्रवाहित होते हैं | आदेश शिखर पर स्थित उच्च अधिकारी के द्वारा दिए जाते हैं और उसके अधीनस्थ अधिकारी उन आदेशों का पालन करते हैं | इस प्रकार आदेशों का प्रवाह उच्च अधिकारी से निम्न अधिकारी की ओर चलता है |

(6) कार्य कुशलता में वृद्धि

पद सोपान प्रक्रिया को अपनाने से संगठन में कार्य कुशलता में वृद्धि होती है | सापेक्षिक उत्तरदायित्व, नियंत्रण, समन्वय, नेतृत्व आदि तत्व मिलकर कार्य कुशलता को बढ़ाते हैं | इससे विभाग चुस्त-दुरुस्त बना रहता है तथा अधिकारी अधिक तत्परता व तन्मयता से अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हैं |

पद-सोपान प्रणाली के दोष या सीमाएं ( Pad Sopan Pranali Ke Dosh Ya Seemaen )

पद सोपान प्रणाली के कुछ अवगुण भी हैं जिनका वर्णन निम्नलिखित है —

(1) निर्णयों में देरी

पद सोपान प्रणाली के कारण निर्णयों में देरी होती है क्योंकि कोई भी प्रस्ताव प्रत्येक पद से होता हुआ संबंधित अधिकारी तक पहुंचता है और वहां से स्वीकृति मिलने पर सभी पदों से होते हुए फाइल वहीं पहुंचती है जहां से शुरू हुई थी | इस प्रकार किसी भी कार्य को पूरा होने में महीनों लग जाते हैं | यह पद सोपान प्रक्रिया का गंभीर दोष है |

(2) लाल फीताशाही

पद सोपान प्रक्रिया के कारण लाल फीताशाही और नौकरशाही को बढ़ावा मिलता है | इससे प्रशासन में शिथिलता आती है |

(3) अधिक खर्चीली पद्धति

पद सोपान की प्रक्रिया अनावश्यक खर्च बढ़ाती है क्योंकि जिस कार्य को एक या कुछ व्यक्ति कर सकते हैं उसके लिए अनेक स्तरों पर अनेक कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है |

(4) व्यावहारिक उल्लंघन

व्यावहारिक जीवन में पद सोपान की प्रक्रिया को तोड़ा जाता है क्योंकि कुछ व्यक्ति व्यक्तिगत संबंधों या राजनीतिक रसूख के बल पर सीधे उच्च अधिकारी से मिलकर अपना काम करवा लेते हैं |

(5) औपचारिकताओं की अधिकता

पद सोपान प्रक्रिया केवल औपचारिकताओं पर आधारित है | कई बार ये औपचारिकताएं बहुत अधिक तथा जटिल हो जाती हैं | इन औपचारिकताओं के कारण आम आदमी का इस पद्धति से विश्वास उठने लगा है |

उपर्युक्त विवेचन के आधार पर हम कह सकते हैं कि पद सोपान प्रक्रिया में कुछ गुण भी हैं और कुछ दोष भी | परंतु दोषों की अपेक्षा गुण अधिक हैं और जो दोष हैं उन्हें भी दूर किया जा सकता है | वस्तुतः पद सोपान की प्रक्रिया किसी भी संगठन को ईमानदारी और कार्य कुशलता से चलाने की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है |

Other Related Posts

लोक प्रशासन का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, स्वरूप एवं क्षेत्र

नवीन लोक प्रशासन की अवधारणा : अर्थ, उद्देश्य एवं विशेषताएँ

केंद्रीयकरण एवं विकेंद्रीकरण : अर्थ, परिभाषा, स्वरूप व गुण-दोष )

नेतृत्व : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं व कार्य

नौकरशाही : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं, कार्य एवं महत्व

मैक्स वेबर का नौकरशाही सिद्धांत ( Max Weber’s Theory of Bureaucracy )

पदोन्नति : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं व आधार या सिद्धांत

प्रशिक्षण : अर्थ, परिभाषा, उद्देश्य / महत्व व प्रकार

बजट : अर्थ, परिभाषा, प्रकार, महत्त्व व निर्माण-प्रक्रिया

लोक प्रशासन पर संसदीय नियंत्रण

8 thoughts on “पद सोपान की अवधारणा : अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं व गुण-दोष”

Leave a Comment