अब देखो बाजार में एक ढेर है चिथड़ों का
और एक मैं हूं कि जिसके चिथड़े सब एक जगह नहीं
वे मेरी धज्जियां कहां गई
खोजकर लाओ उन्हें
सिरहाने रात को रख जिनको सोया था |
डप कागजों से | 1️⃣
मैं चिथड़े हो गया हूँ
यही मेरी पहचान है
– चिथड़ा चिथड़ा मैं
मैं जानता हूँ कि मैं एक हूँ एक अदद
पर मैं उन चिथड़ों को देखना चाहूंगा | 2️⃣
उनको जमा करो
– अरे कुछ मेरे हैं
और कुछ मेरे नहीं
वे मेरी धज्जियाँ नहीं हैं
– पैबंद थे
लोग शान-शौकत दिखाते हैं
दुनिया भर के चिथड़े जोड़कर
मुझको बस इतने ही चाहिए
खुला रहे बदन जिन्हें ओढ़ कर | 3️⃣