भारत की बहुद्देशीय परियोजनाएँ

भारत की जलवायु वर्ष भर कृषि उत्पादकता के अनुकूल है और यहां की मिट्टी उपजाऊ है परंतु यहां वर्ष के सभी महीनों में जल की आपूर्ति नहीं हो पाती | अतः यहां सिंचाई आवश्यक हो जाती है | सिंचाई की इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारत में बहुद्देशीय परियोजनाएँ विकसित की गई हैं … Read more

भारतीय वन, राष्ट्रीय उद्यान व जीव अभयारण्य क्षेत्र

भारत में वन, राष्ट्रीय उद्यान व जीव अभयारण्य क्षेत्र देश के सभी भागों में मिलते हैं लेकिन भारत में वन क्षेत्रों का वितरण बड़ा असमान है। ये उन प्रदेशों में बहुत कम पाए जाते हैं, जहां इनकी बहुत अधिक आवश्यकता है। उदाहरणत: गंगा के अधिक जनसंख्या तथा कृषि वाले मैदान के केवल 5% भाग पर … Read more

भारत की मिट्टियां : विभिन्न प्रकार, विशेषताएँ व वितरण

‘भारत की मिट्टियां’ विषय का विस्तृत विवेचन करने से पूर्व मृदा शब्द के अर्थ को जानना अति आवश्यक होगा | मृदा ( Soil ) पृथ्वी की ऊपरी सतह पर मोटे, मध्यम और बारीक कार्बनिक तथा अकार्बनिक कणों को मृदा कहते हैं | ऊपरी सतह पर से मिट्टी हटाने पर प्रायः चट्टान पाई जाती है कभी-कभी … Read more

भारत में बाढ़ और अनावृष्टि के प्रमुख कारण

भारत क्षेत्रफल की दृष्टि से एक विशाल देश है | भौगोलिक दृष्टि से इसमें अनेक विभिन्नतायें पाई जाती हैं | यही कारण है भारत में वर्षा की मात्रा भी एक समान नहीं है | इसके विभिन्न भागों में बाढ़ के साथ-साथ अनावृष्टि भी देखी जा सकती है | भारत में बाढ़ तथा अनावृष्टि के अनेक … Read more

मृदा का वर्गीकरण और मृदा अपरदन

मृदा — मृदा या मिट्टी खनिज और जैव तत्त्वों का वह प्राकृतिक मिश्रण है जिसमें वनस्पति एवं पौधे उत्पन्न करने की क्षमता होती है | यह धरातल के ऊपरी भाग में पाई जाती है | मृदा का वर्गीकरण मृदा के संघटन के आधार पर किया जाता है | मृदा का सामान्य वर्गीकरण मृदा का वर्गीकरण … Read more

वायुमंडल : संघटन तथा परतें

वायुमंडल पृथ्वी के चारों ओर गैसों के मिश्रण का एक विशाल आवरण है जो कई सौ किलोमीटर मोटा है | इस आवरण को ही वायुमंडल कहा जाता है | यह सौर विकिरण की लघु तरंगों के लिए पारदर्शी है लेकिन पार्थिव विकिरण की लंबी तरंगों के लिए अपारदर्शी है | इस प्रकार यह पृथ्वी पर … Read more

पारिस्थितिक तंत्र : अर्थ, विशेषताएं, संरचना तथा प्रकार

पारिस्थितिक तंत्र का अर्थ पारिस्थितिक तंत्र ( Ecosystem ) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम ए जी टान्सले ने 1935 में किया | टॉन्सले के अनुसार पारिस्थितिक तंत्र भौतिक तंत्रों का एक विशेष प्रकार होता है जिसकी रचना जीवों तथा अजैविक संघटकों से होती है | यह अपेक्षाकृत स्थिर दशा में होता है | यह विवृत्त तंत्र … Read more

पृथ्वी के प्रमुख स्थल रूप ( भूगोल, कक्षा-6) ( Major Landforms Of The Earth )

पर्वत, पठार, मैदान आदि पृथ्वी के प्रमुख स्थल रूप हैं जिनका निर्माण भूमि अपरदन, निक्षेपण आदि का परिणाम है | ◼️ पृथ्वी की सतह के टूटकर घिस जाने को अपरदन( Erosion ) कहते हैं | ◼️ अपरदन ( Erosion ) की क्रिया के द्वारा भूमि नीची हो जाती है तथा निक्षेपण ( Deposition ) की … Read more

पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल ( भूगोल, कक्षा-6) ( Major Domains Of The Earth )

स्थलमण्डल, जलमण्डल और वायुमंडल पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल हैं | कुछ विद्वान जीवमण्डल को शामिल करके पृथ्वी के प्रमुख परिमंडल चार मानते हैं | ◼️ पृथ्वी का ठोस भाग जिस पर हम रहते हैं, उसे भूमंडल कहा जाता है |  ◼️ गैस की परतें जो पृथ्वी को चारों ओर से घेरती हैं, उन्हें सम्मिलित रूप … Read more

पृथ्वी की गतियां ( भूगोल, कक्षा 6) ( Motions Of The Earth )(Chapter 3 )

◼️ पृथ्वी की दो प्रकार की गतियां होती हैं – घूर्णन ( Rotation ) एवं परिक्रमण ( Revolution ) | 🔹 पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन या परिभ्रमण ( Rotation ) कहलाता है | 🔹 पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर गति करना परिक्रमण (Revolution )  कहलाता है | ◼️ पृथ्वी का अक्ष … Read more

ग्लोब : अक्षांश व देशांतर रेखाएं ( भूगोल, कक्षा 6 )

अक्षांश व देशांतर रेखाएं ग्लोब पर खींची गई वे कल्पित रेखाएं हैं जो किसी स्थान की स्थिति को स्पष्ट करती हैं | इनको जानने से पूर्व मानचित्र और ग्लोब के विषय में जानना आवश्यक होगा | ◼️ मानचित्र : मानचित्र ( Map)  एक ऐसा चित्र है जिसकी मदद से हम संसार के किसी भी भाग … Read more

सौरमंडल में पृथ्वी ( भूगोल, कक्षा-6 ) ( The Earth in the Solar System )

◼️ सूर्य,  चंद्रमा तथा वे सभी वस्तुएं जो रात को आसमान में चमकते हैं ; खगोलीय पिंड कहलाती हैं | ◼️ वे खगोलीय पिंड जो गर्म होते हैं तथा गैसों से बने होते हैं जिनके पास अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है ; उन्हें तारा कहते हैं | सूर्य भी एक तारा है | ◼️ … Read more

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