मीराबाई व्याख्या ( Mirabai Vyakhya )

(1) म्हारों प्रणाम बांके बिहारी जी। मोर मुगट माथ्यां तिलक बिराज्यां, कुण्डलअलकां कारी जी। अधर मधुर धर बंसी बजावां, रीझ रिजावां ब्रज नारी जी। या छब देख्यां मोह्यां मीरा, मोह गिरवर धारी जी।। प्रसंग — प्रस्तुत काव्यांश कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा बी ए द्वितीय सेमेस्टर के लिए निर्धारित हिंदी की पाठ्य-पुस्तक में संकलित मीराबाई के पदों … Read more

महादेवी वर्मा का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय महादेवी वर्मा ( Mahadevi Varma ) हिन्दी की सर्वाधिक प्रतिभावान कवयित्रियों में से हैं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के प्रमुख स्तंभों जयशंकर प्रसाद, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और सुमित्रानंदन पंत के साथ छायावााद की आधार स्तंभ मानी जाती हैं। उन्हें आधुनिक काल की मीरा कहा जाता है | महादेवी वर्मा जी का जन्म … Read more

मीराबाई के पद

1 मण थे परस हरि रे चरण।सुभग सीतल कँवल कोमल, जगत ज्वाला हरण।इण चरण प्रह्लाद परस्यां, इन्द्र पदवी धरण।इण चरण ध्रुव अटल करस्यां, सरण असरण सरण।इण चरण ब्रह्मांड मेटयां, नखसियां सिरी भरण।इण चरण कलिया नाथ्यां गोपलीला करण।इण चरण गोबर धन धारयां, गरब मघवा हरण।दासि मीरां लाल गिरधर, अगम तारण तरण।। प्रसंग — प्रस्तुत पद्यांश हमारी … Read more

मीराबाई का साहित्यिक परिचय

मीराबाई भक्तिकालीन हिंदी साहित्य की सगुण भक्तिधारा की कृष्णकाव्य धारा की प्रमुख कवयित्री हैं | मीराबाई का साहित्यिक परिचय निम्नलिखित बिंदुओं में दिया जा सकता है — जीवन-परिचय मीराबाई भक्तिकालीन कृष्णकाव्य धारा की प्रसिद्ध कवियत्री हैं | इनके आराध्य श्री कृष्ण हैं | इनका जन्म राव दादू जी के चौथे पुत्र रतन सिंह के घर … Read more

मीरा ( Mirabai )

( यहाँ NCERT की हिंदी की पाठ्य पुस्तक ‘आरोह भाग 1’ में संकलित मीरा ( Mirabai ) के पदों की व्याख्या तथा अभ्यास के प्रश्न दिए गए हैं |) पद 1 मेरे तो गिरधर गोपाल, दूसरो न कोई जा के सिर मोर-मुकुट, मेरो पति सोई छांडि दयी कुल की कानि, कहा करिहै कोई? संतन ढिग … Read more