पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 भारत सरकार द्वारा पारित एक समग्र कानून है जिसका उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना है। इसे 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद पर्यावरणीय आपात स्थितियों से निपटने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था। यह अधिनियम केंद्र सरकार को पर्यावरणीय नियम बनाने, निगरानी करने, … Read more

कुंवर नारायण का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय — कुंवर नारायण का जन्म 19 सितंबर,1927 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद (अयोध्या) में एक संपन्न परिवार में हुआ। उनके परिवार का माहौल साहित्यिक और बौद्धिक था, जहां आचार्य नरेंद्र देव, आचार्य कृपलानी और राम मनोहर लोहिया जैसे व्यक्तियों का प्रभाव रहा। इस माहौल ने उनकी स्वतंत्र चिंतन और गंभीर अध्ययन की प्रवृत्ति … Read more

मरुस्थलीय पारिस्थितिक तंत्र : प्रकार व उदाहरण

मरुस्थलीय पारिस्थितिक तंत्र (Desert Ecosystem) वे पारिस्थितिक तंत्र होते हैं जहाँ वर्षा अत्यंत कम होती है और वातावरण शुष्क रहता है। यहाँ तापमान अत्यधिक गर्म या बहुत ठंडा हो सकता है, और जीव-जंतु तथा वनस्पतियाँ इस कठोर वातावरण के अनुकूल विकसित होती हैं। इन्हें रेगिस्तान का पारिस्थितिक तंत्र भी कहते हैं | इन तंत्रों में … Read more

चरागाह का पारिस्थितिक तंत्र: अर्थ, प्रकार व उदाहरण

चरागाह पारिस्थितिक तंत्र (Grassland Ecosystem) वे प्राकृतिक तंत्र हैं जहाँ प्रमुख रूप से घास और घास जैसी वनस्पतियाँ पाई जाती हैं। ये क्षेत्र पेड़ों की अपेक्षा अधिक खुले और समतल होते हैं और जानवरों के लिए चारे का प्रमुख स्रोत होते हैं। इन तंत्रों में ऊर्जा का प्रवाह मुख्यतः पौधों से शाकाहारी जानवरों और फिर … Read more

जलीय पारिस्थितिक तंत्र : प्रकार व उदाहरण

जलीय पारिस्थितिक तंत्र वे प्राकृतिक तंत्र होते हैं जो जल में विकसित होते हैं। इसमें जल के भीतर और जल की सतह पर पाए जाने वाले सभी जीव-जंतु और वनस्पतियाँ शामिल होती हैं। यह तंत्र जैविक (जैसे मछलियाँ, पौधे) और अजैविक (जैसे पानी, धूप, पोषक तत्व) घटकों से मिलकर बनता है। इन तंत्रों में ऊर्जा … Read more

रघुवीर सहाय का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय रघुवीर सहाय का जन्म 9 दिसंबर 1929 को लखनऊ, उत्तर प्रदेश में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता हरदेव सहाय साहित्य के अध्यापक थे जिससे उन्हें साहित्यिक माहौल प्राप्त हुआ। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. किया और 1946 से लेखन शुरू किया। सहाय पत्रकारिता में भी सक्रिय रहे, ‘नवजीवन’, … Read more

अशोक की चिंता : जयशंकर प्रसाद ( Ashok Ki Chinta : Jai Shankar Prasad )

(1)जीवन कितना ? अति लघु क्षण,ये शलभ पुंज-से-कण-कण, तृष्णा वह अनलशिखा बन दिखलाती रक्तिम यौवन । जलने की क्यों न उठे उमंग ?है ऊँचा आज मगध शिर पदतल में विजित पड़ा, दूरांगत क्रन्दन ध्वनि फिर, क्यों गूँज रही हैं अस्थिरकर विजयी का अभिमान भंग ? (2)इन प्यासी तलवारों से, इन पैनी धारों से, निर्दयता की … Read more

वन पारिस्थितिक तंत्र (Forest Ecosystem)

वन पारिस्थितिक तंत्र (Forest Ecosystem) एक प्राकृतिक क्षेत्र है जिसमें पेड़-पौधे, जीव-जंतु, सूक्ष्मजीव, मिट्टी, पानी और हवा जैसे जैविक और अजैविक घटक आपस में परस्पर क्रिया करते हैं। यह एक संतुलित प्रणाली है जो जैव विविधता को बनाए रखती है, जलवायु को नियंत्रित करती है, और कार्बन संग्रहण, मिट्टी संरक्षण, जल चक्र जैसे महत्वपूर्ण कार्य … Read more

जल संसाधन : स्रोत के आधार पर वर्गीकरण

जल संसाधन का अर्थ है पृथ्वी पर उपलब्ध जल के सभी स्रोत, जैसे नदियाँ, झीलें, झरने, भूजल, समुद्र, और वर्षा, जो मानव उपयोग के लिए उपलब्ध हैं। ये संसाधन पीने, कृषि, उद्योग, और अन्य गतिविधियों के लिए आवश्यक हैं। स्रोत के आधार पर जल का वर्गीकरण स्रोत के आधार पर जल का वर्गीकरण निम्नलिखित है: … Read more

वन संसाधन: वनोन्मूलन के कारण, वन संरक्षण के उपाय व वनों का महत्त्व

वन संसाधन (Forest Resources ) वन संसाधन (Forest Resources ) उन सभी प्राकृतिक वस्तुओं और सेवाओं को कहते हैं जो हमें वनों से प्राप्त होती हैं। इसमें लकड़ी, बांस, रेज़िन, गोंद, औषधीय पौधे, फल, फूल, पत्तियाँ, शहद आदि शामिल होते हैं। इसके अलावा, वन जलवायु को संतुलित करने, मिट्टी के कटाव को रोकने, वर्षा लाने … Read more

भूमि संसाधन : भूमि निम्नीकरण, गुणवत्तावृद्धि

भूमि संसाधन (Land Resources) ऐसे प्राकृतिक संसाधन हैं जो पृथ्वी की सतह से संबंधित होते हैं और मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। इसमें खेत, जंगल, पहाड़, मैदान, रेगिस्तान, चरागाह आदि शामिल हैं। भूमि के गुणात्मक निम्नीकरण के कारण (1) मृदा अपरदन (Soil Erosion): वनों की कटाई, अत्यधिक चराई और अनुचित कृषि पद्धतियों … Read more

आलेख : अर्थ, विशेषताएँ व प्रकार

“आलेख” का शाब्दिक अर्थ होता है “लिखित विवरण”। यह एक प्रकार का गद्यात्मक वर्णन होता है, जिसमें किसी विषय पर सुव्यवस्थित, तर्कसंगत और विस्तृत रूप से विचार प्रस्तुत किए जाते हैं। परिभाषा : “आलेख एक लिखित रचना है जिसमें किसी विषय पर लेखक अपने विचारों, तर्कों और अनुभवों को व्यवस्थित और सुसंगत ढंग से प्रस्तुत … Read more

रामधारी सिंह दिनकर का साहित्यिक परिचय

जीवन-परिचय — श्री रामधारी सिंह ‘दिनकर’ हिंदी के प्रसिद्ध साहित्यकार हैं | वे बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे | उन्होंने गद्य तथा पद्य की विभिन्न विधाओं पर अपनी लेखनी चला कर हिंदी साहित्य को समृद्ध किया | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ का जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के सिमरिया घाट गाँव में 23 सितंबर, सन् 1908 … Read more

विभिन्न साहित्यकारों का जीवन परिचय

कबीरदास सूरदास तुलसीदास मीराबाई कवि बिहारी घनानंद रसखान भारतेन्दु हरिश्चन्द्र बालमुकुंद गुप्त अयोध्यासिंह उपाध्याय महावीर प्रसाद द्विवेदी मैथिलीशरण गुप्त प्रेमचंद आचार्य रामचंद्र शुक्ल हजारी प्रसाद द्विवेदी राहुल सांकृत्यायन विद्यानिवास मिश्र हरिशंकर परसाई महादेवी वर्मा जयशंकर प्रसाद सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ सुमित्रानंदन पंत रामधारी सिंह दिनकर भारत भूषण अग्रवाल सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ नरेश मेहता डॉ धर्मवीर … Read more

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