हिंदी भाषा एवं आधुनिक कविता ( बी ए प्रथम सेमेस्टर )

(1) भाषा का अर्थ, परिभाषा, विशेषताएं एवं स्वरूप (2) भाषा और वाक् ( Bhasha Aur Vaak ) (3) भाषा और बोली में अंतर ( Bhasha Aur Boli Men Antar ) (4) मानव जीवन में भाषा का स्थान या महत्त्व (5) मैथिलीशरण गुप्त का साहित्यिक परिचय ( Mathilisharan Gupt Ka Sahityik Parichay ) (6) सखी, वे … Read more

भाषा के प्रकार / भेद ( Bhasha Ke Prakar / Bhed )

भाषा विचारों के आदान-प्रदान का साधन है | भाषा के माध्यम से हम अपने भाव या सन्देश को दूसरों के सामने प्रकट करते हैं व दूसरों के भाव या सन्देश को ग्रहण करते हैं | मौखिक, लिखित व सांकेतिक माध्यम से हम अपनी बात दूसरों तक पहुँचा सकते हैं | इस आधार पर भाषा के … Read more

मातृमंदिर ( मैथिलीशरण गुप्त )

भारतमाता का यह मंदिर, समता का संवाद यहाँ, सबका शिव-कल्याण यहाँ हैं, पावें सभी प्रसाद यहाँ। नहीं चाहिये बुद्धि वैर की, भला प्रेम-उन्माद यहाँ, कोटि-कोटि कण्ठों से मिलकर उठे एक जयनाद यहाँ। जाति, धर्म या सम्प्रदाय का, नहीं भेद-व्यवधान यहाँ | सबका स्वागत सबका आदर, सबका सम सम्मान यहाँ। राम रहीम, बुद्ध ईसा का, सुलभ … Read more

सखी, वे मुझसे कहकर जाते ( मैथिलीशरण गुप्त )

सखि, वे मुझसे कहकर जाते, कह, तो क्या मुझको वे अपनी पथ-बाधा ही पाते ?मुझको बहुत उन्होंने माना फिर भी क्या पूरा पहचाना ?मैंने मुख्य उसी को जाना जो वे मन में लाते।सखि, वे मुझसे कहकर जाते।स्वंय सुसज्जित करके क्षण में, प्रियतम को, प्राणों के पण में, हमी भेज देती हैं रण में क्षात्र-धर्म के … Read more

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