हिंदी की प्रासंगिकता या महत्त्व

हिंदी हमारे देश की सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यह भाषा हमारे दिलों को जोड़ती है और हमारी पहचान बनाती है। हिंदी में बोलना, लिखना और पढ़ना हमें अपनी संस्कृति और जड़ों से जोड़ता है।

(1) अपनी भाषा, अपनी पहचान

हिंदी हमारी मातृभाषा है। जब हम हिंदी में बात करते हैं, तो हमें अपनापन महसूस होता है। यह भाषा हमें अपने परिवार, समाज और देश से जोड़ती है।

(2) आपस में जोड़ने वाली भाषा

भारत में कई भाषाएँ बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी उन सबके बीच पुल का काम करती है। यह उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम को जोड़ती है।

(3) शिक्षा और कामकाज में सहायक

बहुत सारे स्कूल, दफ्तर और सरकारी काम हिंदी में होते हैं। इससे लोगों को काम समझने और करने में आसानी होती है।

(4) मनोरंजन की मुख्य भाषा

फिल्में, टीवी शो, गाने और किताबें ; सबमें हिंदी का बहुत बड़ा योगदान है। हम जो कुछ भी देखते-सुनते हैं, वह ज़्यादातर हिंदी में होता है।

(5) दुनिया में बढ़ती पहचान

हिंदी अब सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में बोली और समझी जाती है। विदेशों में भी लोग हिंदी सीखने लगे हैं।

(6) इंटरनेट पर हिंदी का बोलबाला

आजकल इंटरनेट पर भी हिंदी बहुत लोकप्रिय हो गई है। लोग यूट्यूब, फेसबुक और गूगल पर हिंदी में सर्च और बात कर रहे हैं।

    निष्कर्ष : हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं, हमारे जीवन का हिस्सा है। यह हमें जोड़ती है, हमारी बात दूसरों तक पहुँचाती है और हमारी संस्कृति को ज़िंदा रखती है। इसलिए हिंदी आज भी बहुत जरूरी और प्रासंगिक है।

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