व्यंजना शब्द-शक्ति की परिभाषा एवं भेद ( Vyanjana Shabd Shakti : Arth, Paribhasha Evam Bhed )

जहां शब्द का अर्थ अभिधा तथा लक्षणा शब्द-शक्तियों के द्वारा नहीं निकलता वहाँ शब्द की गहराई में छिपे हुए अर्थ को प्रकट करने वाली शक्ति व्यंजना शब्द-शक्ति कहलाती है | इससे जो अर्थ प्रकट होता है, उसे व्यंग्यार्थ कहते हैं | ‘व्यंजना’ शब्द ‘वि+अंजना’ से बना है जिसका अर्थ है – विशेष दृष्टि | इसका … Read more

लक्षणा शब्द-शक्ति का अर्थ व प्रकार ( Lakshna Shabd Shakti Ka Arth V Prakar )

मुख्यार्थ के बाधित होने पर जब किसी अन्य अर्थ का बोध होता है तो उस अर्थ को लक्ष्यार्थ कहते हैं तथा वह शब्द-शक्ति जो यह अर्थ प्रकट करवाती है उसे लक्षणा शब्द-शक्ति कहते हैं | उदाहरण – सुरेश तो निरा बंदर है | इस वाक्य में सुरेश को बंदर बताया गया है जबकि वास्तव में … Read more

अभिधा शब्द-शक्ति : अर्थ व प्रकार ( Abhidha Shabd Shakti Ka Arth V Prakar )

अभिधा शब्द-शक्ति उस शब्द-शक्ति को कहते हैं जो किसी शब्द के कोशगत अथवा उसके प्रसिद्ध सांकेतिक अर्थ को प्रकट करती है | आचार्यों ने इसे ‘प्रथमा’ या ‘अग्रिम’ नाम भी दिया है | उदाहरण – वाटिका में सुंदर फूल खिले हैं | इस वाक्य में ‘फूल’ शब्द का कोशगत अर्थ प्रकट होता है | अत: … Read more

शब्द-शक्ति : अर्थ व प्रमुख भेद ( Shabd Shakti : Arth V Pramukh Bhed )

शब्द और अर्थ का आपस में अभिन्न संबंध होता है | जो बोला या लिखा जाता है वह शब्द होता है तथा उस बोले अथवा लिखे हुए से सुनने वाले की समझ में जो आता है वह अर्थ होता है | उदाहरण के लिए अगर किसी ने बोला ‘गाय’ | इस शब्द को सुनकर सुनने … Read more