ग्लोबल वार्मिंग : कारण, प्रभाव व रोकथाम के उपाय

ग्लोबल वार्मिंग या भूमण्डलीय तापन वह स्थिति है जब पृथ्वी के वायुमंडल और सतह का औसत तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका मुख्य कारण ग्रीनहाउस गैसों (जैसे कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा में वृद्धि है, जो सूर्य की गर्मी को पृथ्वी पर रोक लेती हैं और उसे वापस अंतरिक्ष में नहीं जाने … Read more

ओजोन की परत : क्षय के कारण, प्रभाव व समाधान

ओजोन की परत ( Ozone Layer ) : ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की समताप मंडल (Stratosphere) में स्थित एक गैसीय परत है, जो मुख्यतः ओजोन गैस (O₃) से बनी होती है। यह परत लगभग 10 से 50 किलोमीटर की ऊँचाई पर पाई जाती है और सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी (Ultraviolet Rays ) … Read more

अम्लीय वर्षा : अर्थ, परिभाषा, कारण और प्रभाव

अम्लीय वर्षा : अर्थ, परिभाषा, कारण और प्रभाव (Acid Rain : Meaning, Definition, Causes and Effects ) अर्थ: अम्लीय वर्षा वह वर्षा है जिसमें पानी के साथ अम्लीय तत्व जैसे सल्फ्यूरिक और नाइट्रिक अम्ल घुल जाते हैं। परिभाषा: जब वायुमंडल में मौजूद सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOₓ) जलवाष्प के साथ मिलकर अम्ल बनाते … Read more

वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( पाश्चात्य काव्यशास्त्र एवं साहित्यालोचन )

प्लेटो ( 427 ईo पूo से 347 ईo पूo ) (1) प्लेटो ने काव्य को किस प्रकार का अनुकरण माना है? उत्तर: यथार्थ का त्रितीय अनुकरण। (2) प्लेटो ने कवियों को गणराज्य से क्यों निष्कासित करने को कहा ? उत्तर: क्योंकि वे तर्क की अपेक्षा भावनाओं को उत्तेजित करते हैं। (3) प्लेटो के अनुसार काव्य … Read more

जैव विविधता : अर्थ, प्रकार, महत्त्व, ह्रास के कारण व संरक्षण के उपाय

जैव विविधता (Biodiversity) पारिस्थितिकी तंत्र में पाए जाने वाले जीवों की विभिन्नता को संदर्भित करती है। यह पृथ्वी पर जीवन की समृद्धि और पारिस्थितिक संतुलन को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैव विविधता की परिभाषा जैव विविधता का अर्थ है किसी विशेष क्षेत्र में विभिन्न जीवों, पौधों, सूक्ष्मजीवों और पारिस्थितिकी तंत्रों की विभिन्नता। … Read more

भारतेन्दु हरिश्चंद्र कृत नाटक ‘अंधेर नगरी’ का कथासार

प्रथम दृश्य- (स्थान-बाहरी प्रान्त) महंत गुरु और दो शिष्य नारायण दास और गोबर्धन दास । प्रथम दृश्य में महंत और उनके दोनों शिष्य भजन गाते हुए एक नगर में प्रवेश करते हैं। महंत अपने शिष्यों को शिक्षा देते हैं कि व्यक्ति को अपने जीवन में लोभ का परित्याग करना चाहिए। लोभ एक ऐसी प्रवृति है … Read more

भारतेन्दु हरिश्चंद्र कृत ‘अंधेर नगरी’ नाटक की समीक्षा

भारतेन्दु हरिश्चंद्र द्वारा रचित नाटक ‘अंधेर नगरी’ एक प्रहसन है जो एक काल्पनिक कहानी के माध्यम से दूषित प्रशासनिक व्यवस्था और पतन की ओर अग्रसर प्रजा पर व्यंग्य करता है | किसी नाटक की समीक्षा करने के लिये विद्वानों ने साथ तत्त्व बताये हैं — कथानक या कथावस्तु, पात्र व चरित्र-चित्रण, संवाद या कथोपकथन, देशकाल … Read more

हिंदी की प्रासंगिकता या महत्त्व

हिंदी हमारे देश की सबसे ज़्यादा बोली जाने वाली भाषा है। यह भाषा हमारे दिलों को जोड़ती है और हमारी पहचान बनाती है। हिंदी में बोलना, लिखना और पढ़ना हमें अपनी संस्कृति और जड़ों से जोड़ता है। (1) अपनी भाषा, अपनी पहचान हिंदी हमारी मातृभाषा है। जब हम हिंदी में बात करते हैं, तो हमें … Read more

शिक्षा में नेतृत्व का महत्त्व या भूमिका

प्रत्येक संगठन या संस्था में नेतृत्व का महत्व है | नेतृत्व ही उस संगठन या संस्था को दिशा प्रदान करता है | शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व की भूमिका या महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से स्पष्ट है : (1) दृष्टिकोण व मिशन की स्थापना एक सशक्त शैक्षणिक नेतृत्व संस्था के उद्देश्य और दिशा को स्पष्ट करता … Read more

विलियम वर्ड्सवर्थ का काव्य भाषा सिद्धांत ( For B. A.)

विलियम वर्ड्सवर्थ का काव्य भाषा सिद्धांत, जो उन्होंने अपनी पुस्तक “Lyrical Ballads” (1798) की प्रस्तावना में व्यक्त किया, काव्य रचना के लिए एक क्रांतिकारी दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। यह सिद्धांत रोमांटिक काव्य की आधारशिला माना जाता है। 1. सरल एवं सहज भाषा वर्ड्सवर्थ के अनुसार काव्य की भाषा साधारण जन की बोलचाल की भाषा होनी … Read more

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 भारत सरकार द्वारा पारित एक समग्र कानून है जिसका उद्देश्य पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना है। इसे 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के बाद पर्यावरणीय आपात स्थितियों से निपटने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू किया गया था। यह अधिनियम केंद्र सरकार को पर्यावरणीय नियम बनाने, निगरानी करने, … Read more

मध्यकालीन हिंदी कविता ( बी ए द्वितीय सेमेस्टर )

व्याख्या भाग कबीर व्याख्या ( Kabir Vyakhya ) सूरदास व्याख्या ( Surdas Vyakhya ) तुलसीदास व्याख्या ( Tulsidas Vyakhya ) मीराबाई व्याख्या ( Mirabai Vyakhya ) जीवन परिचय कबीरदास का साहित्यिक परिचय ( Kabirdas Ka Sahityik Parichay ) सूरदास का साहित्यिक परिचय ( Surdas Ka Sahityik Parichay ) तुलसीदास का साहित्यिक परिचय ( Tulsidas Ka … Read more

सुमित्रानंदन पंत का साहित्यिक परिचय

जीवन परिचय सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 – 28 दिसंबर 1977) हिंदी साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक थे | पंत जी छायावादी युग के चार स्तंभों में गिने जाते हैं। उनका जन्म अल्मोड़ा, उत्तराखंड के कौसानी गाँव में हुआ था। बचपन में ही माता के निधन के बाद उनका लालन-पालन दादी ने किया। … Read more

Public Speaking In Hindi Language And Leadership ( SEC )

भाषण का अर्थ, प्रकार व अच्छे भाषण की विशेषताएँ या गुण भाषण : उद्देश्य, तत्त्व व प्रकार भाषण की उपयोगिता या महत्त्व भाषण कला का विकास कैसे करें भाषण के विषय चयन की सावधानियाँ सफल वक्ता के गुण नेतृत्व का अर्थ व नेता के गुण विद्यार्थियों के लिये नेतृत्व का महत्त्व शिक्षा में नेतृत्व का … Read more

विद्यार्थियों के लिये नेतृत्व का महत्त्व

विद्यार्थियों के लिए नेतृत्व का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं में स्पष्ट किया जा सकता है : (1) आत्मविश्वास का विकास: नेतृत्व विद्यार्थियों में आत्मविश्वास को बढ़ाता है। नेतृत्व की भूमिका निभाने से वे अपनी क्षमताओं पर भरोसा करना सीखते हैं। यह आत्मविश्वास उन्हें चुनौतियों का सामना करने और निर्णय लेने में सक्षम बनाता है। (2) टीमवर्क … Read more

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